छींकने के स्वास्थ्य पर प्रभाव: जानें क्यों इसे दबाना हो सकता है खतरनाक
छींकने के खतरे:
छींकना एक सामान्य शारीरिक क्रिया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे रोकना हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है? अक्सर लोग सार्वजनिक स्थानों पर छींकने पर असहज महसूस करते हैं और उसे रोकने की कोशिश करते हैं। ऐसा करते समय वे कभी मुंह या नाक को दबाते हैं, जो सही नहीं है। डॉ. सरोज कुमार के अनुसार, छींक को जबरन रोकना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण और समाधान।
विशेषज्ञों की राय
आकाश हेल्थकेयर के इंटरनल मेडिसिन विभाग के कंसल्टेंट डॉ. सरोज कुमार यादव बताते हैं कि छींक आना शरीर की एक स्वाभाविक सुरक्षा प्रतिक्रिया है, जो नाक और श्वसन अंगों में मौजूद हानिकारक तत्वों को बाहर निकालती है। यदि इस प्रक्रिया को रोका जाता है, तो ये तत्व शरीर के अंदर ही रह जाते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
छींकने का विज्ञान
छींक केवल एक सामान्य रिफ्लेक्स नहीं है, बल्कि इसमें सीने, डायफ्राम, गले और चेहरे की मांसपेशियों का समन्वय होता है। छींक के दौरान हवा 100 मील प्रति घंटे से अधिक की गति से बाहर निकलती है, जो नाक के भीतर के कणों को साफ कर देती है। जब हम नाक को दबाकर या मुंह बंद कर छींकने की कोशिश करते हैं, तो यह दबाव सिर के अंदर वापस चला जाता है, जिससे साइनस में प्रेशर, कान और रक्त वाहिकाओं पर असर पड़ सकता है। गंभीर मामलों में, यह स्थिति न्यूमोमेडियास्टिनम का कारण बन सकती है, जो फेफड़ों और दिल के बीच हवा भरने के कारण होती है।
क्या छींक रोकना कभी ठीक है?
डॉ. सरोज के अनुसार, हल्की छींक को दबाना हमेशा हानिकारक नहीं होता, लेकिन बार-बार या जोर से रोकना आंतरिक अंगों पर दबाव डाल सकता है। यह उन लोगों के लिए अधिक खतरनाक है जिन्हें साइनस, नाक बंद रहने या कान की समस्याएं होती हैं।
छींक से संक्रमण से बचने के उपाय
संक्रमण से बचने के लिए हमेशा अपने पास रुमाल रखना चाहिए या कोहनी के अंदर छींकना बेहतर होता है। हाथ पर छींकने से संक्रमण का खतरा बढ़ता है। यदि आप ऐसी जगह हैं जहां चुप रहना आवश्यक है, तो हल्की छींक लें लेकिन इसे पूरी तरह से रोकने से बचें।