जटामांसी: एक आयुर्वेदिक औषधि के अद्भुत लाभ
जटामांसी के बारे में
जटामांसी
जटामांसी का तेल
जटामांसी के कंद से प्राप्त द्रव्य को जटामांसी तेल कहा जाता है। इसमें वोलेटाइल ऑयल, अल्कलॉइड, और जटामांसी एसिड जैसे तत्व होते हैं। इसके चूर्ण का सेवन 3 से 6 ग्राम की मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन करने से दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
जटामांसी के लाभ
1. अनिद्रा की समस्या में जटामांसी का सेवन करने से नींद में सुधार होता है।
2. मानसिक कमजोरी, तनाव, और एंग्जाइटी के मामलों में जटामांसी का उपयोग लाभकारी होता है। इसके तेल का उपयोग सिर की मालिश, भाप लेने और मसाज के लिए किया जाता है।
3. मेमोरी लॉस, लर्निंग डिसऑर्डर, और मिर्गी के दौरे में जटामांसी का चूर्ण दूध के साथ लेना फायदेमंद होता है।
4. यह औषधि बालों के लिए भी अत्यंत लाभकारी है, जिससे बाल मजबूत, काले, और घने बनते हैं। इसके तेल का उपयोग करने से दो मुंहे बाल, सफेद बाल, और डैंड्रफ जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
5. जटामांसी का तेल मांसपेशियों के दर्द में राहत देने के लिए भी उपयोग किया जाता है, जैसे कि क्रोमिक फैटिक सिंड्रोम और लेग क्रेप्स में।
6. इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। चिकित्सक की सलाह से इसका सेवन कैंसर के प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकता है।