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जम्मू-कश्मीर में सरला भट हत्या मामले में एसआईए की छापेमारी

जम्मू-कश्मीर में, राज्य जांच एजेंसी एसआईए ने 1990 में कश्मीरी पंडित सरला भट की हत्या के मामले की जांच के लिए श्रीनगर में आठ स्थानों पर छापे मारे हैं। इस कार्रवाई का उद्देश्य नए सबूत इकट्ठा करना है ताकि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके। सरला भट का अपहरण और हत्या उस समय के आतंकवादियों द्वारा की गई थी, और उनके शव के पास एक नोट मिला था, जिसमें उन्हें पुलिस का मुखबिर बताया गया था। इस मामले की जटिलता और इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें।
 

एसआईए की कार्रवाई


जम्मू-कश्मीर राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने 1990 में कश्मीरी पंडित सरला भट की हत्या के मामले की जांच के तहत श्रीनगर में आठ स्थानों पर छापे मारे हैं। अधिकारियों का उद्देश्य इस जघन्य अपराध से जुड़े नए सबूत इकट्ठा करना है ताकि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके।


सरला भट का मामला

कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट का अपहरण 18 अप्रैल 1990 को सौरा स्थित शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान के छात्रावास से किया गया था। अगले दिन, 19 अप्रैल को, उनका शव उमर कॉलोनी, मल्लाबाग में पाया गया था, जिसमें गोलियों के निशान थे।


विशेष जांच एजेंसी ने इस मामले को फिर से खोलते हुए सोमवार रात को सबूत जुटाने के लिए श्रीनगर में छापे मारे।


सूत्रों के अनुसार, सरला भट का अपहरण जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) से जुड़े आतंकवादियों द्वारा किया गया था। उनके शव के पास एक नोट मिला था, जिसमें उन्हें पुलिस का मुखबिर बताया गया था। इस मामले में निगीन पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन उस समय असली अपराधियों का पता नहीं चल सका।