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जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों का प्रदर्शन, भोजन और पानी की व्यवस्था पर उठे सवाल

संतकबीरनगर के जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों ने शनिवार को खराब भोजन और पेयजल की व्यवस्था के खिलाफ धरना दिया। यह प्रदर्शन लगभग 6 घंटे तक चला, जिसके बाद अधिकारियों ने छात्रों को आश्वासन दिया। छात्रों ने बताया कि पिछले 40 दिनों से विद्यालय में पानी की आपूर्ति बाधित है और भोजन भी मेनू के अनुसार नहीं मिल रहा है। धरने के दौरान छात्रों ने अपनी समस्याओं को उजागर किया और प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की।
 

संतकबीरनगर में छात्रों का धरना


संतकबीरनगर। संतकबीर नगर जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय जगदीशपुर गौरा के छात्रों ने शनिवार को खराब भोजन और पेयजल की व्यवस्था के खिलाफ विद्यालय के गेट पर धरना दिया। यह प्रदर्शन लगभग 6 घंटे तक चला, जिसके बाद अधिकारियों के आश्वासन पर छात्रों ने धरना समाप्त कर दिया। छात्रों ने सुबह नौ बजे विद्यालय प्रशासन के रवैये से नाराज होकर स्कूल गेट के सामने धरने पर बैठने का निर्णय लिया। सैकड़ों छात्रों ने पोस्टर लेकर अपनी मांगों को उठाया और अव्यवस्था के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।


छात्रों का कहना था कि पिछले 40 दिनों से विद्यालय में पेयजल की आपूर्ति बाधित है, जिससे न केवल दैनिक जरूरतें पूरी नहीं हो रही हैं, बल्कि पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा, भोजन भी मेनू के अनुसार नहीं मिल रहा है और विद्यालय के जिम्मेदार लोग मनमाने ढंग से भोजन तैयार करवा रहे हैं।


छात्रों ने यह भी बताया कि विद्यालय में कई अन्य समस्याएं हैं। शिकायत करने पर विद्यालय प्रशासन उन्हें स्कूल से निकालने या अभिभावकों से शिकायत करने की धमकी देता है। छात्राओं ने बताया कि 207 छात्राओं के लिए केवल 192 बेड उपलब्ध हैं, जिससे सोने की उचित व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है। धरने की सूचना मिलने पर तहसीलदार धनघटा रामजी और एसओ महुली रजनीश राय मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र नवोदय विद्यालय के सहायक आयुक्त से सीधे बात करने की जिद पर अड़े रहे।


कुछ समय बाद अपर जिलाधिकारी (ADM) भी मौके पर पहुंचे और छात्रों को धरना समाप्त करने के लिए समझाया। उन्होंने विद्यालय के प्राचार्य श्रीकांत तिवारी से पेयजल और भोजन की अव्यवस्था के बारे में जानकारी ली और मेस इंचार्ज से भी सवाल पूछे। एडीएम ने सहायक आयुक्त से फोन पर बात की, जिसके बाद सहायक आयुक्त ने महराजगंज के प्राचार्य आरके राय को अपना प्रतिनिधि बनाकर मौके पर भेजा। इसके बाद छात्रों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।