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जालंधर सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से तीन मरीजों की मौत

जालंधर के सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से तीन मरीजों की जान चली गई। यह घटना रविवार रात को हुई, जब तकनीकी खराबी के कारण 35 मिनट तक गैस की आपूर्ति ठप रही। इस दौरान ICU में भर्ती मरीजों को सांस लेने में कठिनाई हुई। स्वास्थ्य मंत्री और प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए हस्तक्षेप किया। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और प्रशासन की कार्रवाई।
 

जालंधर में ऑक्सीजन संकट

जालंधर: रविवार रात को जालंधर के सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में ऑक्सीजन की आपूर्ति रुकने से एक गंभीर घटना घटित हुई। इस दौरान ICU में भर्ती तीन मरीजों की जान चली गई, जबकि दो अन्य मरीजों की स्थिति गंभीर हो गई, लेकिन उन्हें बचा लिया गया।


क्या यह लापरवाही है? 35 मिनट तक ऑक्सीजन सप्लाई बंद रही, जिससे तीन मरीजों की मौत हुई : सूत्रों के अनुसार, रात लगभग 8:30 बजे ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी खराबी के कारण गैस की आपूर्ति लगभग 35 मिनट तक ठप रही। इस दौरान ICU में भर्ती मरीजों को सांस लेने में कठिनाई होने लगी। जब डॉक्टरों और तकनीशियनों को समस्या का पता चला, तब मरम्मत का कार्य शुरू किया गया। लेकिन तब तक अर्चना (15), अवतार लाल (32) और राजू (30) की जान जा चुकी थी।


जानकारी के अनुसार, अर्चना को 17 जुलाई को सांप के काटने, अवतार लाल को 27 जुलाई को नशे की ओवरडोज और राजू को 24 जुलाई को टीबी के इलाज के लिए भर्ती किया गया था। इस घटना की जानकारी मिलते ही मरीजों के परिजन अस्पताल में हंगामा करने लगे।


स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन और सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह रात करीब 1:15 बजे अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों के साथ बैठक की। डिप्टी कमिश्नर हिमांशु अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे।


सिविल अस्पताल के एमएस डॉ. राज कुमार ने बताया, "घटना की जांच के लिए 9 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति दो दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। यदि लापरवाही साबित होती है, तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि समस्या पूरी तरह तकनीकी थी या इसमें मानवीय त्रुटि भी शामिल थी।"