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झागदार पेशाब: कारण और आयुर्वेदिक उपचार

झागदार पेशाब एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जो किडनी की खराबी या शरीर में टॉक्सिन्स के बढ़ने का संकेत देती है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, इस समस्या का समाधान घरेलू उपचारों से किया जा सकता है। जानें इसके लक्षण, कारण और कैसे आप इसे नियंत्रित कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार के परीक्षण से आप अपनी स्थिति का पता लगा सकते हैं और किस आयुर्वेदिक उपाय से राहत पा सकते हैं।
 

झागदार पेशाब के लक्षण

पेशाब के लक्षण: क्या आपने कभी पेशाब करते समय उसमें झाग देखा है? यदि हां, तो इसे नजरअंदाज करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अक्सर लोग इसे सामान्य समझकर छोड़ देते हैं, लेकिन बार-बार झागदार पेशाब आना गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। यह शरीर से प्रोटीन के रिसाव का भी संकेत है। कभी-कभी, किडनी के क्षति के कारण प्रोटीन पेशाब के माध्यम से बाहर निकलता है, जिससे यह झागदार दिखाई देता है।


झागदार पेशाब का कारण

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉक्टर तनमय गोस्वामी के अनुसार, पेशाब में झाग आना किडनी की समस्याओं का संकेत है। इसके अलावा, पेशाब में म्यूकस का निकलना भी बीमारियों का संकेत हो सकता है, जैसे कि क्रोनिक यूरिन इंफेक्शन और क्रोनिक किडनी डिजीज। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया गया, तो यह स्थिति बिगड़ सकती है। झागदार पेशाब का एक अन्य कारण शरीर में टॉक्सिन्स का बढ़ना भी हो सकता है, जो किडनी की समस्याओं का संकेत है।


आयुर्वेदिक उपचार

समस्या का समाधान: विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या के लिए भारी दवाओं के बजाय आयुर्वेदिक और घरेलू उपचारों का सहारा लेना बेहतर है। शरीर से टॉक्सिन्स को निकालने और किडनी में फंसे ग्लूकोज को बाहर निकालने के लिए, अविपत्तिकर चूर्ण (जिसे आमतौर पर अमलतास का पत्ता कहा जाता है) और त्रिफला चूर्ण को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में दो बार पीना चाहिए। यह उपाय न केवल पेशाब की समस्या में मदद करता है, बल्कि डायबिटीज और फैटी लिवर के लिए भी फायदेमंद है।


यूरिन की बीमारी का पता कैसे लगाएं?

परीक्षण: यूरिन की समस्याओं का पता लगाने के लिए आप निम्नलिखित परीक्षण करवा सकते हैं:



  • यूरिन कल्चर टेस्ट

  • यूरिन एनालिसिस

  • अल्ट्रासाउंड

  • सीटी स्कैन

  • सिस्टोस्कोपी टेस्ट