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झारखंड में मानसून की बारिश का येलो अलर्ट, रथ मेले पर असर

झारखंड में मानसून ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है, जिसके चलते मौसम विभाग ने भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। विशेष रूप से उत्तरी झारखंड के जिलों में बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है। हालांकि, 7 जुलाई से बारिश की तीव्रता में कमी आने की उम्मीद है। रांची का जगन्नाथपुर रथ मेला बारिश के कारण प्रभावित हो रहा है, जिससे व्यापारियों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। जानें इस मौसम के बारे में और क्या जानकारी है।
 

झारखंड मौसम अपडेट

झारखंड मौसम अपडेट: झारखंड में मानसून ने एक बार फिर गति पकड़ ली है। मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान विशेष रूप से उत्तरी झारखंड के क्षेत्रों में तेज बारिश की संभावना है। संताल परगना, उत्तर छोटानागपुर और कोल्हान प्रमंडल के जिलों में मानसून का प्रभाव सबसे अधिक देखने को मिलेगा।


बारिश की तीव्रता में कमी

हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 7 जुलाई की शाम से मानसून की सक्रियता में कमी आ सकती है, जिससे बारिश की तीव्रता में कमी आने की उम्मीद है।


भारी बारिश का अलर्ट

इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने रांची, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, खूंटी, गिरिडीह और हजारीबाग सहित कोल्हान और संताल प्रमंडल के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना जताई है। पिछले 24 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में जोरदार बारिश हुई है - धनबाद के पुटकी में 60.6 मिमी, बोकारो में 30 मिमी, दुमका में 25.2 मिमी, जमशेदपुर में 18.9 मिमी और राजमहल में 18.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है।


झारखंड में वर्षा का आंकड़ा

1 जून से अब तक झारखंड में 395 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य 226.3 मिमी से 75% अधिक है। रांची में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं - अब तक 651.2 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य 235.0 मिमी से 177% अधिक है।


रथ मेला पर बारिश का प्रभाव

बारिश ने रथ मेला की रफ्तार रोकी

रांची का ऐतिहासिक दस दिनी जगन्नाथपुर रथ मेला इस बार बारिश के कारण प्रभावित हो रहा है। बारिश के चलते बाहरी राज्यों से आए व्यापारियों की बिक्री पर नकारात्मक असर पड़ा है। प्रदीप कुमार ने कहा, 'दो हजार रुपये प्रति फीट के हिसाब से जमीन ली, 30 हजार रुपए महसूल दिया, लेकिन मुनाफा नहीं हुआ। प्रशासन से मदद की उम्मीद है।'


मेले की स्थिति

मेले की चमक पर पानी फिरा

51.51 लाख रुपये में मेला का व्यवसायिक टेंडर हुआ है, जिसके तहत व्यापारियों से 100 से लेकर 1 लाख तक महसूल वसूला गया है। लोहे के बर्तन, परंपरागत हथियार और मिठाइयों की दुकानों का किराया करीब 50 हजार रुपये है। व्यापारियों को अब केवल इतनी उम्मीद है कि मेले के आखिरी दो दिनों में बारिश न हो और लागत निकल आए।