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टॉयलेट में स्मार्टफोन का उपयोग: बवासीर का खतरा बढ़ा सकता है

एक नई स्टडी में यह सामने आया है कि टॉयलेट में स्मार्टफोन का उपयोग करने से बवासीर का खतरा 46% तक बढ़ सकता है। अध्ययन में पाया गया कि अधिकांश लोग टॉयलेट में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, जिससे वे अधिक समय तक बैठते हैं। जानें इस अध्ययन के निष्कर्ष और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में।
 

स्मार्टफोन का टॉयलेट में उपयोग

स्मार्टफोन का टॉयलेट में उपयोग: स्मार्टफोन आजकल की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी हो सकता है। लोग फोन के प्रति इतने आकर्षित हो गए हैं कि वे अपने आस-पास के लोगों को नजरअंदाज करने लगे हैं। कई लोग तो टॉयलेट में बैठकर भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। हाल ही में एक अध्ययन में यह सामने आया है कि इस आदत के कारण बवासीर का खतरा लगभग 46% बढ़ सकता है।


अध्ययन के अनुसार, सामान्य कुर्सी पर बैठने और टॉयलेट की सीट पर लंबे समय तक बैठने में अंतर होता है। टॉयलेट की सीट पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को सही तरीके से सहारा नहीं देती। लंबे समय तक इस पर बैठने से उस क्षेत्र पर दबाव बढ़ता है, जिससे गुदा के पास की नसों में रक्त जमा हो जाता है। समय के साथ, यह दबाव बवासीर का कारण बन सकता है।


नई स्टडी के निष्कर्ष

नई स्टडी के निष्कर्ष:


इस अध्ययन में यह पाया गया कि तीन में से दो लोग टॉयलेट में अपने स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। इनमें से अधिकांश लोग समाचार पढ़ने में लगे रहते हैं, जबकि कुछ सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे होते हैं। जो लोग फोन का इस्तेमाल करते हैं, वे टॉयलेट में अधिक समय बिताते हैं, कभी-कभी पांच मिनट से भी ज्यादा। इन लोगों में बवासीर होने की संभावना उन लोगों की तुलना में 46% अधिक होती है जो फोन का उपयोग नहीं करते हैं।


अध्ययन का दायरा

अध्ययन का दायरा:


यह अध्ययन 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के एक समूह पर किया गया था। इसलिए, यह जरूरी नहीं है कि ये परिणाम सभी पर लागू हों। तुर्की और इटली में किए गए इसी तरह के अध्ययनों में भी यही पैटर्न देखने को मिला है।