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डायबिटीज और मोटापे का बढ़ता खतरा: जानें कारण और बचाव के उपाय

डायबिटीज और मोटापे के बीच का संबंध गंभीर होता जा रहा है, खासकर बच्चों में। पेट की चर्बी इंसुलिन के उपयोग में बाधा डालती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है। जानें कैसे मोटापा डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाता है और इससे बचने के उपाय क्या हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, वजन कम करने और सक्रिय रहने से इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
 

डायबिटीज के कारण: मोटापे का प्रभाव

मोटापा और डायबिटीज को अक्सर एक-दूसरे से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं माना जाता है, क्योंकि इनमें से एक का होना दूसरे का जोखिम बढ़ा सकता है। विशेष रूप से, जब पेट की चर्बी बढ़ती है, तो शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता। यह स्थिति हमें डाइट में शुगर को नियंत्रित करने की आवश्यकता को महसूस कराती है। भारत में, इन दोनों बीमारियों के मामले पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पहले ये समस्याएं युवाओं में देखी जाती थीं, लेकिन अब छोटे बच्चों में भी इनका प्रकोप बढ़ रहा है।


मोटापे का डायबिटीज पर प्रभाव

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज के सीनियर डायरेक्टर डॉ. आशीष गौतम के अनुसार, शरीर को ऊर्जा के लिए शुगर की आवश्यकता होती है, जिसे इंसुलिन हार्मोन कोशिकाओं तक पहुंचाता है। जब पेट और कमर के आसपास अधिक चर्बी जमा होती है, तो कोशिकाएं इंसुलिन का सही से उपयोग नहीं कर पातीं, जिसे इंसुलिन रेसिस्टेंस कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है और यह धीरे-धीरे टाइप-2 डायबिटीज में बदल सकता है।


मोटापा और डायबिटीज का खतरनाक संबंध

मोटापा और डायबिटीज का यह संबंध गंभीर होता है। कमर के अधिक मोटे होने से मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याएं उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है। पेट की चर्बी से सूजन पैदा करने वाले रसायनों का स्राव होता है, जिससे शरीर का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाता है और ब्लड शुगर को नियंत्रित करना कठिन हो जाता है।


भारत में बच्चों का बढ़ता जोखिम

विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या गंभीर होती जा रही है। भारत में बच्चों में शुगर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है, जिसमें लगभग 1.4 करोड़ बच्चे प्रभावित हैं। मोटे बच्चों में डायबिटीज का खतरा अधिक है।


मोटापे से जुड़ी अन्य स्वास्थ्य समस्याएं

मोटापे के कारण केवल डायबिटीज ही नहीं, बल्कि उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और सांस लेने में कठिनाई जैसी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। कम उम्र में इन बीमारियों के कारण स्वस्थ जीवन जीने के वर्षों की कमी हो सकती है।


इस समस्या से बचने के उपाय


  • विशेषज्ञों का कहना है कि 5-10% वजन कम करने से डायबिटीज का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।

  • नियमित व्यायाम और चलने की आदत डालें।

  • तली-भुनी और मीठी चीजों का सेवन कम करें।

  • पर्याप्त नींद लें और तनाव को कम करें।

  • बच्चों को बाहर खेलने और सक्रिय रहने के लिए प्रेरित करें।