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डायबिटीज के बिना भी लो ब्लड शुगर: जानें इसके कारण और लक्षण

लो ब्लड शुगर की समस्या केवल डायबिटीज से संबंधित नहीं है। यह स्थिति उन लोगों में भी हो सकती है, जिन्हें डायबिटीज नहीं है। इस लेख में, हम जानेंगे कि लो ब्लड शुगर के क्या कारण हो सकते हैं, इसके लक्षण क्या हैं, और इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। जानें कि कैसे जीवनशैली, दवाइयाँ और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ इस स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं।
 

लो ब्लड शुगर की समस्या

लो ब्लड शुगर का नाम सुनते ही अधिकांश लोगों के मन में डायबिटीज का ख्याल आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह समस्या उन व्यक्तियों को भी हो सकती है, जिन्हें डायबिटीज नहीं है? यह स्थिति भी उतनी ही गंभीर हो सकती है। हमारे मस्तिष्क का मुख्य ईंधन ग्लूकोज़ है, और जब इसका स्तर अचानक गिरता है, तो व्यक्ति को चक्कर, कंपकंपी, पसीना आना और दिल की धड़कन तेज होने जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। यदि इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि बिना डायबिटीज के ब्लड शुगर कम होने के क्या कारण हो सकते हैं।


बिना डायबिटीज के लो ब्लड शुगर के कारण


एशियन हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट, एंडोक्राइनोलॉजी, डॉ. संदीप खर्ब के अनुसार, बिना डायबिटीज वाले लोगों में हाइपोग्लाइसीमिया के मामले कम होते हैं, लेकिन इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसके पीछे जीवनशैली, कुछ अंदरूनी बीमारियाँ या विशेष प्रकार के ट्यूमर हो सकते हैं जो हार्मोन के कार्य में बाधा डालते हैं।


पैंक्रियास इंसुलिन का उत्पादन करता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। जब यह संतुलन बिगड़ता है, तो बिना डायबिटीज वाले व्यक्तियों का शुगर स्तर भी गिर सकता है।


बिना डायबिटीज के लो ब्लड शुगर के 6 सामान्य कारण



  • दवाइयाँ: कभी-कभी किसी अन्य व्यक्ति की डायबिटीज की दवा लेने से या अन्य दवाओं के सेवन से शुगर स्तर गिर सकता है। उदाहरण के लिए, मलेरिया के इलाज में दी जाने वाली 'क्विनिन' दवा ब्लड शुगर को कम कर सकती है।

  • अधिक शराब पीना: खाली पेट शराब पीने से लिवर ग्लूकोज़ को बाहर नहीं निकाल पाता, जिससे ब्लड शुगर का स्तर गिर सकता है।

  • गंभीर बीमारियाँ: लिवर की गंभीर बीमारियाँ, किडनी का फेल होना, या गंभीर संक्रमण शरीर के ग्लूकोज़ को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।

  • भूखा रहना या ईटिंग डिसऑर्डर: लंबे समय तक भूखे रहने या एनोरेक्सिया जैसे ईटिंग डिसऑर्डर से शरीर में जमा ग्लूकोज़ खत्म हो सकता है।

  • इंसुलिन का अधिक उत्पादन: पैंक्रियास में 'इंसुलिनोमा' नामक ट्यूमर बन जाने से शरीर अधिक इंसुलिन बनाने लगता है, जिससे ब्लड शुगर बहुत कम हो जाता है।

  • हार्मोन की कमी: एड्रिनल या पिट्यूटरी ग्रंथियों की बीमारियाँ ग्लूकोज़ मेटाबॉलिज्म में शामिल हार्मोन के स्राव को कम कर सकती हैं।