डिटॉक्स के संभावित दुष्प्रभाव: जानें कब और कैसे करें
डिटॉक्स के बारे में जानें
डिटॉक्स के दुष्प्रभाव: आजकल की तकनीकी दुनिया में लोग सोशल मीडिया पर चल रहे स्वास्थ्य ट्रेंड्स का अनुसरण करते हैं। इनमें से एक ट्रेंड है डिटॉक्स ड्रिंक्स का सेवन, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का दावा करते हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया गलत नहीं है, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करना या ट्रिक्स अपनाना हानिकारक हो सकता है। इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं डिटॉक्स के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जो शायद आप नहीं जानते।
सोशल मीडिया ट्रेंड्स का अनुसरण न करें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया से सीखे गए ट्रेंड्स को अपनाने का एक सही तरीका होता है। बिना चिकित्सकीय सलाह के ऐसा करना आपके लिए समस्याएं पैदा कर सकता है। नोएडा के मदरलैंड अस्पताल की डॉक्टर शहनाज बानो का कहना है कि डिटॉक्स केवल उन्हीं लोगों के लिए आवश्यक है जो विशेष परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, और इन्हें डॉक्टर की निगरानी में किया जाना चाहिए।
डिटॉक्स कब बनता है खतरनाक?
विशेषज्ञों का कहना है कि डिटॉक्स का सही उपयोग स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन कई बार लोग केवल सोशल मीडिया पर देख कर जूस और कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बंद कर देते हैं, जिससे उनके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और पोटेशियम की कमी हो जाती है। कभी-कभी लोग पर्याप्त पानी नहीं पीते या अत्यधिक पानी पी लेते हैं, जिससे शरीर के महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी बाहर निकल जाते हैं।
ओवर डिटॉक्स के नुकसान
- इम्यूनिटी में कमी।
- संक्रमण का खतरा बढ़ना।
- पेट में गैस, एसिडिटी या कब्ज।
- हार्मोनल असंतुलन।
- नींद की समस्या।
- त्वचा में सूखापन।
- थकान और शुगर लेवल में असंतुलन।
किसे करना चाहिए डिटॉक्स?
डॉक्टर अरुण प्रसाद के अनुसार, सभी लोगों को डिटॉक्स की आवश्यकता नहीं होती। कुछ विशेष परिस्थितियों में यह आवश्यक हो सकता है, जैसे:
- जो लोग प्रदूषित क्षेत्रों में रहते हैं।
- प्रदूषण से संबंधित कार्यों में लगे लोग।
- केमिकल या धूल-मिट्टी वाले काम करने वाले।
- प्रोसेस्ड फूड्स का नियमित सेवन करने वाले।
- धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन करने वाले।
डिटॉक्स का सही तरीका
डिटॉक्स करने का सही तरीका यह है कि:
- अपनी डाइट में फलों को शामिल करें।
- दाल, पनीर और अंडे जैसे प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें।
- गर्मियों में नींबू पानी, नारियल पानी और 2 से 3 लीटर पानी पिएं।
- प्राणायाम और नियमित वॉक करें।
इन सभी उपायों को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या डाइटिशियन से सलाह लेना न भूलें।