डोनाल्ड ट्रंप का टाइलेनॉल पर विवादास्पद बयान: प्रेग्नेंसी और ऑटिज्म का संबंध
महिलाओं की सेहत पर ट्रंप का बयान
महिलाओं की सेहत: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में वाइट हाउस में एक भाषण के दौरान यह दावा किया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को एसिटामिनोफेन, जिसे आमतौर पर टाइलेनॉल के नाम से जाना जाता है, से बचना चाहिए। उनका कहना है कि यह दवा देश में बढ़ते ऑटिज्म डिसोर्डर से जुड़ी हुई है। ट्रंप ने यह भी कहा कि गर्भावस्था के दौरान इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने वैक्सींस के बारे में भी चिंता व्यक्त की और इसे अमेरिका के स्वास्थ्य को सुधारने की दिशा में एक प्रयास बताया। एसिटामिनोफेन या टाइलेनॉल और पेरासिटामोल एक समान दर्द निवारक दवाएं हैं, जो अमेरिका, जापान और यूरोप के कई देशों में उपयोग की जाती हैं।
ट्रंप का टाइलेनॉल पर बयान
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “मैं स्पष्टता से कहता हूं कि जब तक अत्यंत आवश्यक न हो, टाइलेनॉल का सेवन न करें। मैंने सात युद्ध रोके हैं और लाखों लोगों की जान बचाई है, यह मेरे द्वारा किए गए किसी भी अन्य कार्य के समान महत्वपूर्ण होगा।”
विज्ञान की राय
विज्ञान क्या कहता है
एसिटामिनोफेन और ऑटिज्म के बीच संबंध पर ट्रंप के बयान की विशेषज्ञों ने आलोचना की है। उनका कहना है कि राष्ट्रपति का यह दावा बिना प्रमाण के है और स्थापित विज्ञान के विपरीत है।
अमेरिकी अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की अध्यक्ष डॉ. सुजैन क्रेसली ने कहा, "अध्ययनों में जीवन रक्षक चाइल्डहुड वैक्सीनेशन और ऑटिज्म के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है। ठोस विज्ञान को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करता है।"
जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी की चाइल्ड डेवलपमेंट रिसर्चर डॉ. एमिली कार्टर ने कहा, "गर्भावस्था में टाइलेनॉल के उपयोग और ऑटिज्म के बीच कोई ठोस साक्ष्य नहीं हैं। ऑटिज्म आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के मिश्रण से प्रभावित होता है, लेकिन इसका कोई एक कारण सिद्ध नहीं हुआ है।"
ऑटिज्म की जानकारी
ऑटिज्म क्या है
ऑटिज्म एक दीर्घकालिक न्यूरोडेवलपमेंटल स्थिति है जो व्यक्ति के सामाजिक इंटरैक्शन, संवाद करने के तरीके, व्यवहार और दोहराव वाले पैटर्न को प्रभावित करती है। इसके लक्षण विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं और ऑटिज्म से प्रभावित व्यक्ति का मस्तिष्क अलग तरीके से कार्य करता है। ऐसे व्यक्ति को दूसरों की बात समझने में कठिनाई हो सकती है, तेज आवाजें उन्हें परेशान कर सकती हैं, और वे किसी भी बात को बार-बार कहने या करने लगते हैं।