डोनाल्ड ट्रंप की नोबेल शांति पुरस्कार की उम्मीदें: क्या वह जीत पाएंगे?
नोबेल पुरस्कार की घोषणा का समय
नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कारों की घोषणा 6 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। इस बार सबसे अधिक ध्यान 10 अक्टूबर को घोषित होने वाले नोबेल शांति पुरस्कार पर है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी दावेदारी को उजागर करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, उनके हाथ से यह पुरस्कार फिसल सकता है। हाल ही में, ट्रंप ने गाजा में शांति स्थापित करने के लिए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को व्हाइट हाउस बुलाया था, लेकिन स्थिति अभी भी अनिश्चित है।
नॉमिनेशन की स्थिति
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की समय सीमा 31 जनवरी 2025 थी, जो ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के 11 दिन बाद थी। हालांकि, नेतन्याहू और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ जैसे नेताओं ने ट्रंप को बाद में नामित किया था, जिससे उनकी दावेदारी पर सवाल उठता है।
युद्ध रोकने के दावे
ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युद्ध रोकने का दावा किया, लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के अनुरोध पर ही कार्रवाई रोकी गई थी।
आर्मेनिया और अजरबैजान का संघर्ष
आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष फिर से भड़क गया है। ट्रंप ने दोनों नेताओं को शांति के लिए वाशिंगटन बुलाया, लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ।
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच विवाद
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा विवाद में गोलीबारी हुई, लेकिन ट्रंप के दावों के विपरीत, सीजफायर आसियान की पहल पर हुआ।
ट्रंप के दावों की सच्चाई
सर्बिया-कोसोवो, रवांडा और कांगो के बीच विवादों का समाधान नहीं हुआ है। मिस्र और इथियोपिया के बीच भी पानी के विवाद को लेकर तनाव बना हुआ है।
गाजा में स्थिति
गाजा पट्टी में हमास ने इजरायल पर हमला किया, जिसमें कई इजरायली नागरिक मारे गए। ट्रंप का गाजा शांति योजना भी खतरे में है।
रूस-यूक्रेन युद्ध
ट्रंप के प्रयासों के बावजूद, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध नहीं रुक सका। उन्होंने यूक्रेन को जमीन देने की सलाह दी, जो विवादास्पद थी।
घरेलू मोर्चे पर विफलता
ट्रंप की घरेलू नीतियों ने उनकी दावेदारी को कमजोर किया है, जैसे कि अवैध अप्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाना।
ट्रंप के विवादास्पद निर्णय
ट्रंप ने कनाडा से ग्रीनलैंड मांगने, जलवायु परिवर्तन को नकारने और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं पर हमले करने जैसे विवादास्पद निर्णय लिए हैं।
नोबेल पुरस्कार पर ट्रंप की टिप्पणी
ट्रंप ने कहा कि अगर उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला, तो यह अमेरिका का अपमान होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि उनके विभाजनकारी नीतियों के कारण उनकी संभावना कम है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति
अमेरिका के चार पूर्व राष्ट्रपति नोबेल पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। ट्रंप भी इसी तरह का सपना देख रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि नोबेल चयन समिति शांति प्रयासों की स्थिरता और वैश्विक संस्थाओं को मजबूत करने पर ध्यान देती है। ट्रंप का रिकॉर्ड इसके विपरीत है।
नोबेल पुरस्कारों की घोषणा का कार्यक्रम
नोबेल पुरस्कारों की घोषणा 6 अक्टूबर से शुरू होगी, जिसमें मेडिसिन, फिजिक्स, केमिस्ट्री, साहित्य, शांति और आर्थिक विज्ञान शामिल हैं।