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तलाक के बढ़ते मामलों के 15 कारण: रिश्तों में सुधार के लिए जानें

तलाक के मामलों में वृद्धि के पीछे कई कारण होते हैं। रिश्तों में संवाद की कमी, अवास्तविक अपेक्षाएं, और बाहरी हस्तक्षेप जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। जानें रिलेशनशिप कोच जवाल भट्ट द्वारा बताए गए 15 कारण और अपने रिश्ते को सुधारने के उपाय। यह जानकारी आपको अपने संबंधों को मजबूत बनाने में मदद कर सकती है।
 

तलाक के बढ़ते मामलों के कारण

वर्तमान समय में, तलाक की घटनाएं विश्वभर में तेजी से बढ़ रही हैं। विवाह के बाद कई बार ऐसे मुद्दे उत्पन्न होते हैं जो धीरे-धीरे प्यार और समझ को कमजोर कर देते हैं। संवाद की कमी, अवास्तविक अपेक्षाएं और एक-दूसरे को न समझ पाना, ये सभी रिश्ते को बोझिल बना देते हैं।




रिलेशनशिप कोच जवाल भट्ट ने 9 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर तलाक के बढ़ते मामलों के 15 मुख्य कारण साझा किए।




जल्दबाजी में अरेंज मैरिज: जब शादी ऐसे व्यक्तियों के बीच होती है जो एक-दूसरे को ठीक से नहीं जानते, तो टकराव होना स्वाभाविक है। जवाल भट्ट का कहना है कि अरेंज मैरिज करने वाले जोड़ों को शादी से पहले कम से कम 6 महीने से 1 साल तक एक-दूसरे को समझने का समय लेना चाहिए।




जरूरी मुद्दों पर चर्चा न करना: कई जोड़े शादी से पहले कुछ महत्वपूर्ण विषयों, जैसे करियर, परिवार, या बच्चों की योजना, पर खुलकर बात नहीं करते। यही बातें बाद में झगड़ों का कारण बन जाती हैं। ईमानदारी से संवाद करना बहुत आवश्यक है।


 


कहने और करने में असमानता: शादी से पहले कुछ वादे किए जाते हैं, लेकिन बाद में उन्हें निभाया नहीं जाता। यही असमानता निराशा और अविश्वास का कारण बनती है।




आकर्षण पर आधारित विवाह: यदि शादी केवल शारीरिक आकर्षण या लुक्स पर आधारित हो, तो यह लंबे समय तक नहीं टिकती। जवाल का कहना है कि विवाह जीवनशैली और सोच की समानता पर आधारित होनी चाहिए।




काम और निजी जीवन में असंतुलन: जब पति-पत्नी दोनों या कोई एक लगातार काम में व्यस्त रहता है, तो रिश्ते के लिए समय नहीं बचता। यही दूरी धीरे-धीरे मन में ठंडक पैदा करती है।




अवास्तविक अपेक्षाएं: कई बार हम अपने साथी से भावनात्मक, आर्थिक या शारीरिक रूप से बहुत अधिक अपेक्षाएं रखते हैं। जब ये पूरी नहीं होतीं, तो रिश्ते में तनाव उत्पन्न होने लगता है।




कोशिश की कमी: हर रिश्ते को निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है। यदि प्यार जताने या सराहना करने की आदत खत्म हो जाए, तो रिश्ते की गर्माहट भी समाप्त हो जाती है।


 


भावनात्मक दूरी: जब एक साथी दिल से जुड़ने की कोशिश छोड़ देता है, तो दूसरा अकेलापन महसूस करने लगता है। भावनात्मक जुड़ाव किसी भी शादी की नींव है।




तारीफ और हंसी-मजाक का अभाव: शुरुआत में जोड़े एक-दूसरे की तारीफ करते हैं और मजाक करते हैं, लेकिन बाद में यह सब बंद हो जाता है। हल्की-फुल्की छेड़खानी और हंसी-मजाक रिश्ते को जीवंत बनाए रखते हैं।




आत्म-चिंतन का अभाव: हर गलती के लिए पार्टनर को दोष देना आसान होता है, लेकिन आत्म-चिंतन आवश्यक है। अपनी गलतियों को समझकर ही रिश्ते को संभाला जा सकता है।




परिवार या दोस्तों का दखल: जब शादी में बाहरी लोगों का जरूरत से ज्यादा हस्तक्षेप होता है, तो जोड़े के बीच टकराव बढ़ता है। अपनी समस्याएं आपस में सुलझाना ही बेहतर है।




तलाक की धमकी देना: छोटी-छोटी बातों पर तलाक की बात छेड़ना रिश्ते को तोड़ने की दिशा में पहला कदम बन जाता है। यह एक भावनात्मक हथियार नहीं, बल्कि रिश्ते को खत्म करने की चेतावनी बन जाता है।




अफेयर्स: शादी में बोरियत या असंतोष के कारण कुछ लोग बाहरी रिश्तों में उलझ जाते हैं। यह न केवल धोखा होता है, बल्कि रिश्ते की नींव को हिला देता है।




हर बात को व्यक्तिगत रूप से लेना: रिश्ते में मतभेद होना स्वाभाविक है। लेकिन यदि हर बात को दिल पर लिया जाए, तो छोटी-छोटी बातें भी बड़ी लड़ाइयों में बदल जाती हैं।




सोशल मीडिया तुलना: आजकल लोग दूसरों की 'परफेक्ट लाइफ' देखकर अपने रिश्ते की तुलना करने लगते हैं। यह अवास्तविक अपेक्षाएं और असुरक्षा पैदा करती है। याद रखें, हर रिश्ते की कहानी अलग होती है।