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तेजस्वी यादव ने शिक्षा पर उठे सवालों का दिया जवाब

तेजस्वी यादव, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता, ने अपनी शिक्षा को लेकर उठे सवालों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि डिग्री से कोई महान नेता नहीं बनता और अनुभव भी महत्वपूर्ण है। तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी डिग्री के बारे में भी जानकारी नहीं है। इसके अलावा, उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा, यह कहते हुए कि बिहार को युवा नेतृत्व की आवश्यकता है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और तेजस्वी का दृष्टिकोण।
 

तेजस्वी यादव का शिक्षा पर बयान

तेजस्वी यादव: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव को अक्सर उनकी शिक्षा को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ता है। यह सवाल उठता है कि लालू प्रसाद यादव का बेटा आखिर क्यों दसवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी नहीं कर सका? हाल ही में जनसुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर ने भी इस मुद्दे पर तेजस्वी पर निशाना साधा था। अब तेजस्वी ने इस पर खुलकर अपनी बात रखी है।

तेजस्वी यादव का शिक्षा पर दृष्टिकोण

एक इंटरव्यू में तेजस्वी यादव ने कहा कि इस तरह के सवाल उन्हें परेशान नहीं करते। उन्होंने कहा कि डिग्री हासिल करने से सभी गुण नहीं आते, बल्कि अनुभव भी महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने अपने क्रिकेट के अनुभव का उदाहरण दिया और कहा कि इस पर कोई बात नहीं करता। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के बारे में भी लोगों को जानकारी नहीं है, फिर भी वह 11 साल से प्रधानमंत्री हैं।

‘डिग्री से कोई महान नहीं बनता’

तेजस्वी ने आगे कहा, “जब मुझसे यह सवाल पूछा जाता है, तो मैं उच्च पद पर बैठे व्यक्ति का उदाहरण देता हूं। डिग्री होना किसी को महान नेता नहीं बनाता।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर चर्चा की, लेकिन यह भी कहा कि वह उस पद पर बैठे व्यक्ति का सम्मान करते हैं, चाहे उनकी शिक्षा कैसी भी हो।

5 जून को प्रशांत किशोर ने एक जनसभा में कहा था कि लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी को ‘बिहार का राजा’ बनाना चाहते हैं, जबकि वह नौवीं कक्षा भी पास नहीं कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि आम लोगों के बच्चे स्नातक होने के बाद भी बेरोजगार हैं और हमें लालू यादव से बच्चों की चिंता करने का सबक लेना चाहिए।

तेजस्वी ने हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बोला, कहा कि वह अब थक चुके हैं और बिहार को युवा नेतृत्व की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “मेरे पास एक दृष्टिकोण है, जबकि डिप्टी सीएम के पास केवल मुझे गाली देने का समय है।”