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दिलजीत दोसांझ की फिल्म 'पंजाब 95' विवादों में, जानें जसवंत सिंह खालरा की कहानी

दिलजीत दोसांझ की फिल्म 'पंजाब 95' विवादों में घिर गई है, जो मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा की कहानी पर आधारित है। फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी नहीं मिल रही है, जिसके चलते इसके रिलीज में देरी हो रही है। जानें खालरा की कहानी और इस विवाद के पीछे के कारण।
 

दिलजीत दोसांझ का विवादों से गहरा नाता


पंजाबी गायक और बॉलीवुड अभिनेता दिलजीत दोसांझ का विवादों से पुराना रिश्ता है। हाल ही में उनकी फिल्मों को लेकर नए विवाद उठ खड़े हुए हैं। उनकी फिल्म 'सरदारजी 3' में पाकिस्तानी अभिनेत्री हानिया आमिर की मौजूदगी के कारण भारत में इसकी रिलीज को टाल दिया गया। इसी तरह, उनकी एक और फिल्म 'पंजाब 95' भी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के पास एक साल से अटकी हुई है। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म के 112 दृश्यों पर आपत्ति जताई है, जिसे हटाने के लिए दिलजीत और फिल्म के निर्माता तैयार नहीं हैं। यह फिल्म मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा की जीवनगाथा पर आधारित है।


जसवंत सिंह खालरा की कहानी पर विवाद

जसवंत सिंह खालरा कौन थे और उनकी कहानी पर विवाद क्यों हो रहा है, आइए जानते हैं 8 बिंदुओं में:


1. जसवंत सिंह का मानवाधिकार कार्यकर्ता बनना
जसवंत सिंह खालरा, जो पहले एक सहकारी बैंक के निदेशक थे, बाद में मानवाधिकार कार्यकर्ता बन गए। उन्हें शिरोमणि अकाली दल की मानवाधिकार शाखा का महासचिव नियुक्त किया गया था।


2. फ़र्ज़ी मुठभेड़ों के खिलाफ आवाज़ उठाना
1980 से 1990 के बीच, खालरा पंजाब में गायब हुए सिख युवकों को वापस लाने के लिए संघर्षरत रहे। उन्होंने सरकारी हत्याओं के खिलाफ आवाज उठाई।


3. खालरा का अपहरण और हत्या
1995 में खालरा का अपहरण किया गया और उन्हें बेरहमी से प्रताड़ित किया गया। बाद में उनका शव सतलुज नदी के किनारे मिला।


4. दोषी पुलिसकर्मियों का सजा मिलना
खालरा की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसके बाद 2005 में छह पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया।


5. मानवाधिकार आयोग की जांच
2011 में, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने खालरा मामले की जांच के आदेश दिए थे।


6. फिल्म का निर्माण चार साल पहले शुरू हुआ
निर्माता-निर्देशक हनी त्रेहान ने खालरा की कहानी पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया और खालरा परिवार की अनुमति ली।


7. 1,800 पन्नों के दस्तावेज़ जमा किए गए
निर्माताओं ने फिल्म के तथ्यों को साबित करने के लिए 1,800 पन्नों के दस्तावेज़ प्रस्तुत किए हैं।


8. दिलजीत की पहले की फिल्में
दिलजीत दोसांझ ने पहले भी पंजाब में आतंकवाद पर आधारित फिल्में बनाई हैं, जैसे 'पंजाब 1984'।