दिल्ली की मिट्टी और धूल: कैंसर का नया खतरा
कैंसर के कारण
कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। हर साल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, और कई अध्ययन यह दर्शाते हैं कि यहां की हवा से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली की मिट्टी भी लोगों के लिए कैंसर का कारण बन रही है? हाल ही में एक नई स्टडी सामने आई है, जो बताती है कि दिल्ली की मिट्टी और धूल में भी जहरीले तत्व मौजूद हैं।
रिसर्च का स्थान
यह अध्ययन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) और ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। इसमें पाया गया है कि दिल्ली की सड़कों की मिट्टी और धूल में ऐसे जहरीले तत्व हैं, जो कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यह तत्व 15 विभिन्न प्रकार के हैं और ये न केवल जानलेवा हैं, बल्कि दिल्ली की हवा में भी मिल चुके हैं।
शोधकर्ताओं की टिप्पणियाँ
जेएनयू के डॉ. मनोज ताप सिंह ने अपनी टीम के साथ दिल्ली के 33 विभिन्न क्षेत्रों से मिट्टी और धूल के नमूने एकत्र किए और इनका परीक्षण ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी के सहयोग से किया। इस जांच में 44 प्रकार के तत्व मिले, जिनमें से 16 दुर्लभ धातुएं थीं। इसके अलावा, 15 विषैले तत्व भी पाए गए हैं, जो दुनिया के सबसे जहरीले तत्वों में शामिल हैं।
डॉक्टरों की राय
सीके बिरला अस्पताल के पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. अशोक राजपूत के अनुसार, धूल गर्मियों और सर्दियों दोनों में होती है। गर्मियों में डस्ट स्टॉर्म के दौरान जमीन से उड़ने वाली मिट्टी धूल बनकर हमारे स्वास्थ्य पर असर डालती है। इस धूल में छोटे कण होते हैं, जो शरीर में प्रवेश कर एलर्जी का कारण बन सकते हैं। दिल्ली की धूल में मौजूद धातु के कण विशेष रूप से हानिकारक हैं, जिससे पुरुषों और छोटे बच्चों में स्किन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
धूल का स्किन पर प्रभाव
धूल के कण छोटे बच्चों द्वारा अधिक निगले जाते हैं, क्योंकि उन्हें मास्क पहनाना मुश्किल होता है। बच्चे बाहर खेलते हैं, जिससे वे धूल को अपने शरीर में पहुंचाते हैं। अध्ययन के अनुसार, दिल्ली के बच्चे प्रतिदिन 1 मिलीग्राम से अधिक जहरीली धातु केवल धूल के माध्यम से निगलते हैं।
कैंसर का जोखिम
इस अध्ययन के अनुसार, दिल्ली की धूल में ऐसे जहरीले तत्व हैं, जो पुरुषों में कैंसर की संभावनाओं को बढ़ाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल पुरुषों में धूल के कारण 1 लाख से अधिक कैंसर के मामले सामने आते हैं, जबकि 21 हजार बच्चों को भी कैंसर का सामना करना पड़ता है।