दिल्ली की मुख्यमंत्री ने आपातकाल की 50वीं बरसी पर महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया
महिलाओं की भूमिका पर जोर
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली प्रदेश महिला मोर्चा द्वारा महाराष्ट्र सदन में आयोजित मॉक पार्लियामेंट में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं के कल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
रेखा गुप्ता ने पीएम मोदी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में नारीशक्ति, राष्ट्रशक्ति बन रही है। महिलाओं को आवास, शौचालय, गैस कनेक्शन और स्वच्छ जल जैसी बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हुई हैं। मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति मिली है और महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण के माध्यम से लोकतंत्र में समान भागीदारी सुनिश्चित की गई है। अब समय है कि हम महिलाएं जागरूक बनें और जिम्मेदारी लें, ताकि राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा सकें।
आपातकाल के संदर्भ में, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा समय था जब कोई भी अपनी आवाज नहीं उठा सकता था। 21 महीनों तक लोगों को यातनाएं दी गईं। जो भी विरोध करता था, उसे कुचल दिया जाता था। देश ने इस तरह का काला अध्याय पहले कभी नहीं देखा। पूर्व प्रधानमंत्री ने सत्ता में बने रहने के लिए लोगों को जेल में डाल दिया। मीडिया की स्वतंत्रता पर पाबंदी थी, और शासन-प्रशासन कुछ भी नहीं बोल सकता था। युवाओं की जबरन नसबंदी कराई गई।
रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा, “आपातकाल की 50वीं बरसी पर दिल्ली प्रदेश महिला मोर्चा द्वारा महाराष्ट्र सदन में आयोजित मॉक पार्लियामेंट में लोकतंत्र की हत्या के उस काले अध्याय पर अपने विचार साझा किए। 1975 में केवल एक परिवार की सत्ता बचाने के लिए कांग्रेस सरकार ने पूरे देश को एक खुली जेल में बदल दिया था। हजारों देशभक्तों को बिना मुकदमे के जेलों में डाल दिया गया। आज जो लोग संविधान की बात करते हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि भारत की आत्मा को सबसे गहरा आघात कांग्रेस की तानाशाही ने पहुंचाया था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, न्याय और संविधान के मूल्यों का गला घोंटकर संविधान की हत्या कर दी थी।