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दिल्ली के सरिता विहार में पतंग की डोर से युवक की गर्दन पर गंभीर चोट, प्रशासन पर उठे सवाल

दिल्ली के सरिता विहार में एक युवक की गर्दन पर पतंग की डोर लिपटने से गंभीर चोट आई है। 30 वर्षीय रजनीश, जो बाइक चला रहा था, को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया कि यह घटना नायलॉन मांझे के कारण हुई। प्रशासन ने पहले भी ऐसे मांझे पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। इस घटना ने प्रशासन को कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है।
 

दिल्ली के सरिता विहार में दर्दनाक हादसा

दिल्ली के सरिता विहार की खबर: शनिवार को दिल्ली के सरिता विहार क्षेत्र में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। 30 वर्षीय रजनीश, जो बाइक चला रहा था, की गर्दन पर अचानक पतंग की डोर लिपट गई, जिससे उसकी गर्दन कट गई और वह सड़क पर गिर पड़ा। रजनीश उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का निवासी है। यह घटना तुगलकाबाद मेट्रो स्टेशन के सामने उस फ्लाईओवर पर हुई, जो सरिता विहार को फरीदाबाद से जोड़ता है। पुलिस को मेडिकल इमरजेंसी कॉल मिलने के बाद बदरपुर थाना की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और घायल को अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने बताया कि मामले में उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।


बाइक सवार की गंभीर स्थिति

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब रजनीश को सड़क पर देखा गया, तब उसकी गर्दन से काफी खून बह रहा था। उसे तुरंत एम्बुलेंस के जरिए एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उसकी स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है।


प्रारंभिक जांच में तथ्य सामने आए

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि युवक की गर्दन पर जो घाव हुआ है, वह लाल मांझे से हुआ है, जो पतंग उड़ाने में इस्तेमाल होने वाली नायलॉन डोर होती है। यह मांझा अत्यंत धारदार होता है और इससे पहले भी कई जानलेवा घटनाएं हो चुकी हैं।


पुलिस की जांच जारी

बदरपुर थाने की टीम, जिसमें एसएचओ और जांच अधिकारी शामिल थे, घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं और आसपास के क्षेत्रों की सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि डोर कहां से आई और किसने उड़ाई थी।


मांझे पर सख्ती की संभावना

दिल्ली में हर साल स्वतंत्रता दिवस के आसपास पतंगबाजी के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं। प्रशासन ने पहले भी नायलॉन या कांच लगे मांझे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका पालन नहीं हो रहा है। इस ताजा हादसे ने प्रशासन को कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है।