दिल्ली में कैंसर के बढ़ते मामलों का कारण और बचाव के उपाय
कैंसर के बढ़ते मामलों की गंभीरता
कैंसर के कारण: कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसका इलाज संभव है, फिर भी हर साल इसके मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। यह मुख्यतः जीवनशैली से जुड़ी आदतों के कारण हो रहा है। भारत में भी कैंसर के रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जामा नेटवर्क की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में पुरुषों में महिलाओं की तुलना में कैंसर का खतरा अधिक है, जो एक चिंताजनक स्थिति है। इससे जनसंख्या पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। पुरुषों में फेफड़ों और मुंह का कैंसर अधिक देखा जा रहा है। आइए जानते हैं इसके कारण और इससे बचने के उपाय क्या हैं?
रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े
जामा नेटवर्क की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2024 में कैंसर के कुल मरीजों की संख्या 708,223 थी, जिसमें से 206,457 लोगों की मृत्यु कैंसर के कारण हुई। पुरुषों में कैंसर के मामलों की संख्या 2015-2019 के बीच बढ़ी है। एक मीडिया चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पुरुषों को कैंसर का खतरा जीवनशैली के कारण बढ़ रहा है, जिसमें महिलाओं की तुलना में 11% अधिक जोखिम है।
कैंसर के प्रकार और जोखिम
कौन से कैंसर का जोखिम ज्यादा? रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पुरुषों में फेफड़ों, मुंह और प्रोस्टेट कैंसर के मामले अधिक हैं, जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट, यूट्रस और अंडाश्य का कैंसर अधिक पाया जा रहा है। मेट्रो शहरों में कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है। दिल्ली में कैंसर की दर की जांच में पता चला कि हर 1 लाख लोगों में 146 लोग कैंसर से प्रभावित होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली का वातावरण इस समस्या का एक बड़ा कारण है।
कैंसर के कारण
दिल्ली में कैंसर के मामलों के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
पॉल्यूशन: दिल्ली की खराब हवा के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स हर साल गिरता जा रहा है, जिससे पुरुषों में कोलोरेक्टल और फेफड़ों का कैंसर बढ़ रहा है।
लाइफस्टाइल: अस्वस्थ जीवनशैली के कारण दिल्ली के पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं।
तंबाकू और शराब: दिल्ली में पुरुषों में शराब, सिगरेट, गुटखा और तंबाकू का सेवन अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है, जिससे ओरल कैंसर का खतरा बढ़ता है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि देश के अन्य राज्यों जैसे अहमदाबाद, असम और केरल में भी ओरल कैंसर के मामले अधिक पाए गए हैं।
कैंसर के शुरुआती संकेत
मुंह के कैंसर के संकेत: क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार, मुंह या जीभ में सफेद और लाल चकत्ते, होंठ या मसूड़ों पर छाले, मुंह या गले में दर्द, और दांतों का ढीला होना।
प्रोस्टेट कैंसर: बार-बार पेशाब आना, पेशाब में रुकावट, और कमर या कुल्हों में दर्द।
फेफड़ों के कैंसर के संकेत: लगातार खांसी, खांसी में खून आना, सांस लेने में कठिनाई, और वजन कम होना।
कैंसर से बचाव के उपाय
- तंबाकू और शराब का सेवन कम करें।
- जीवनशैली में सुधार करें।
- नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं, विशेषकर उन लोगों के लिए जिनके परिवार में कैंसर का इतिहास है।
- संतुलित आहार का पालन करें।