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दिल्ली में ठंड, कोहरे और प्रदूषण से जनजीवन प्रभावित

दिल्ली में ठंड, कोहरे और वायु प्रदूषण ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोग घरों में कैद हो गए हैं, जबकि यातायात में भी बाधाएं आ रही हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। प्रशासन ने ग्रेप-चार नियम लागू किया है, लेकिन लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। जानें इस स्थिति का विस्तार से।
 

दिल्ली में जनजीवन अस्त-व्यस्त


दिल्ली और इसके आस-पास के क्षेत्रों में लोग ठंड, कोहरे और वायु प्रदूषण के कारण परेशान हैं। ठंड के कारण तापमान में गिरावट आ रही है, जबकि कोहरा और स्मॉग यातायात को बाधित कर रहे हैं। सड़कें खाली हैं और वाहन धीमी गति से चल रहे हैं। प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।


इसका परिणाम यह है कि लोग घरों में रहने को मजबूर हैं। दिल्ली में सुबह का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 386 था, जो दोपहर में थोड़ा सुधार के साथ 377 पर आ गया। एनसीआर के अन्य शहरों में भी स्थिति बेहतर नहीं है। गाजियाबाद में एक्यूआई 364, नोएडा में 327, ग्रेटर नोएडा में 329 और गुरुग्राम में 328 दर्ज किया गया। 300 से ऊपर का एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में आता है।


ट्रेन और उड़ानों में देरी

घने कोहरे के कारण पालम क्षेत्र में दोपहर 12 बजे भी दृश्यता केवल 300 मीटर थी, जबकि सफदरजंग में यह 200 मीटर रही। इसके चलते 107 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और 450 से अधिक उड़ानों में देरी हुई। इनमें आने और जाने वाली दोनों प्रकार की उड़ानें शामिल थीं। कुछ उड़ानों को जयपुर, लखनऊ और अहमदाबाद की ओर मोड़ना पड़ा।


दिल्ली आने वाली 70 से अधिक ट्रेनें भी निर्धारित समय से दो घंटे की देरी से पहुंचीं।


ग्रेप-4 नियमों का उल्लंघन

दिल्ली में सर्दी बढ़ने के साथ प्रदूषण के कारण ग्रेप-चार लागू है। लोग सांस लेने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। लकड़ी और कोयले से आग जलाने पर प्रतिबंध है, लेकिन लोग अलाव जलाने के लिए इनका उपयोग कर रहे हैं। प्रशासन ने पिछले दो वर्षों से लोगों को हीटर का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया है, लेकिन लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।


इसका परिणाम सभी को भुगतना पड़ रहा है।