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दिल्ली में प्रदूषण का बढ़ता खतरा: दिल की सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जो विशेष रूप से हृदय रोगियों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। ठंड के मौसम में प्रदूषण अधिक घना हो जाता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस लेख में, हम जानेंगे कि प्रदूषण का दिल पर क्या प्रभाव पड़ता है और दिल की सेहत को बनाए रखने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। जानें कि कैसे आप अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।
 

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति


दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। सर्दियों में, ठंडी हवा के कारण प्रदूषण अधिक घना हो जाता है, जिससे प्रदूषित कण जमीन के करीब जमा हो जाते हैं। स्मॉग की मोटी परत न केवल सूर्य की रोशनी को रोकती है, बल्कि वायु के प्रवाह को भी बाधित करती है। इसके परिणामस्वरूप, लोग सांस लेते समय भारीपन का अनुभव करते हैं, आंखों में जलन होती है, और एलर्जी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति विशेष रूप से हृदय रोगियों के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकती है।


दिल्ली में स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ता खतरा

वास्तव में, प्रदूषित हवा में मौजूद PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कण फेफड़ों के माध्यम से रक्त प्रवाह में मिल जाते हैं। ये कण रक्त वाहिकाओं में सूजन पैदा करते हैं, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा आती है। लगातार गंदे वायु में सांस लेने से दिल की धड़कन असामान्य हो सकती है, रक्तचाप बढ़ सकता है, और शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। इसके अलावा, प्रदूषण से होने वाला ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस दिल की मांसपेशियों को कमजोर करता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। यह स्थिति डायबिटीज, अस्थमा, हाइपरटेंशन और पहले से हृदय रोग से ग्रस्त लोगों के लिए और भी गंभीर हो जाती है।


प्रदूषण का दिल पर प्रभाव

हवा में मौजूद जहरीले कण रक्त वाहिकाओं की आंतरिक परत को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे रक्त में थक्के बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। यह दिल के दौरे का एक प्रमुख कारण बन सकता है। प्रदूषण से नसों में सूजन आती है, प्लेटलेट्स सक्रिय होते हैं, और अचानक ब्लॉकेज की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके लक्षणों में सीने में दर्द, सांस फूलना, बेचैनी, हाथ या कंधे में दर्द, चक्कर आना, और असामान्य थकावट शामिल हैं। प्रदूषण के दिनों में पहले से हृदय रोग वाले मरीजों की स्थिति अक्सर बिगड़ जाती है, इसलिए किसी भी लक्षण को गंभीरता से लेना आवश्यक है।


दिल की सेहत को बनाए रखने के उपाय

1. बाहर जाते समय हमेशा N95 मास्क पहनें।


2. स्मॉग के समय, सुबह और शाम भारी व्यायाम से बचें।


3. घर में एयर प्यूरीफायर या अच्छी वेंटिलेशन की व्यवस्था करें।


4. शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने के लिए पर्याप्त पानी पिएं।


5. अपने आहार में फलों, सब्जियों और फाइबर की मात्रा बढ़ाएं।


6. नियमित रूप से रक्तचाप, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें।


7. धूम्रपान और शराब से दूर रहें।