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दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू

दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 211 पर पहुँच गया है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत कई उपाय लागू किए गए हैं। नागरिकों को भी प्रदूषण कम करने के लिए विशेष सलाह दी गई है। इसके अलावा, हिमालय में बर्फबारी की स्थिति भी चर्चा का विषय है। जानें इस विषय पर और क्या जानकारी है।
 

दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 211


दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट आ रही है, और मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 211 पर पहुँच गया। दिवाली से पहले ही यह स्थिति चिंताजनक है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत 27 प्रकार के प्रतिबंध लागू किए हैं। इनमें कंस्ट्रक्शन साइट्स पर धूल नियंत्रण, खुले में कचरा जलाने पर रोक और नियमित सड़क सफाई जैसे उपाय शामिल हैं।


जीआरएपी-1 के तहत उपाय

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के पहले चरण के तहत तब प्रतिबंध लागू होते हैं जब एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से अधिक हो जाता है। मंगलवार को दिल्ली का एक्यूआई 211 दर्ज किया गया, जो 'खराब' श्रेणी में आता है। सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वे पूरे एनसीआर में इन उपायों को लागू करें और उनकी निगरानी करें ताकि वायु गुणवत्ता में और गिरावट न आए।


नागरिकों के लिए सलाह


  • वाहनों के इंजन को सही तरीके से ट्यून करें और टायरों का दबाव बनाए रखें।

  • वाहन के पीयूसी प्रमाणपत्र को अपडेटेड रखें।

  • लाल बत्ती पर इंजन बंद करें और गाड़ी को निष्क्रिय रखने से बचें।

  • हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करें।

  • कूड़ा फैलाने से बचें और खुले में कचरा न फेंकें।

  • वायु प्रदूषणकारी गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप का उपयोग करें।

  • पेड़ लगाएं और हरियाली को बढ़ावा दें।

  • पटाखों से बचें और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से त्योहार मनाएं।

  • पुराने डीजल/पेट्रोल वाहनों का उपयोग न करें।


हिमालय में बर्फबारी

इस बार देश में ठंड बढ़ने की संभावना है, क्योंकि ऊपरी हिमालय का 86% हिस्सा समय से पहले बर्फ से ढक गया है। हाल ही में आए वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण तापमान 2 से 3 डिग्री कम हो गया है। यह स्थिति अच्छी है क्योंकि दिसंबर में ला नीना सक्रिय होने की संभावना है, जो भारत में अधिक बारिश और ठंड का कारण बनता है।