दूध के स्वास्थ्य लाभ: बच्चों से लेकर बुजुर्गों के लिए आवश्यक
दूध का महत्व
दूध को एक संपूर्ण आहार माना जाता है, क्योंकि यह शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की लगभग 80 प्रतिशत आवश्यकता को पूरा करता है। आयुर्वेद में इसे एक उत्कृष्ट पदार्थ और जीवनदायिनी बताया गया है। दूध की आवश्यकता तब से शुरू होती है जब एक बच्चा गर्भ में होता है, क्योंकि इस समय उसकी हड्डियों का विकास हो रहा होता है। आइए जानते हैं दूध का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।
दूध की आवश्यकता के विभिन्न चरण
0-6 माह: इस उम्र में दूध ही एकमात्र आहार है जो पोषण प्रदान करता है।
6 माह से 2 वर्ष: इस दौरान बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए दूध आवश्यक है।
2-18 वर्ष: इस उम्र में बढ़ती गतिविधियों के लिए प्रोटीन, विटामिन-डी और कैल्शियम की आवश्यकता होती है।
18-60 वर्ष: यह उम्र हड्डियों की मजबूती और ऊतकों की मरम्मत के लिए दूध का सेवन करना महत्वपूर्ण है।
सर्वश्रेष्ठ प्रकार का दूध
नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध सर्वोत्तम होता है। छह महीने तक केवल मां का दूध देना चाहिए। बच्चों और वयस्कों के लिए गाय का दूध सबसे अच्छा माना जाता है। गाय का दूध उपलब्ध न होने पर भैंस या बकरी का दूध लिया जा सकता है। यदि ये विकल्प उपलब्ध नहीं हैं, तो विशेषज्ञ पैकेट वाला दूध लेने की सलाह देते हैं। जिन लोगों को सीधे दूध पीने में कठिनाई होती है, वे दही, पनीर, या फ्लेवर मिल्क का सेवन कर सकते हैं, खासकर बच्चे।
दूध में मौजूद पोषक तत्व
कैल्शियम: यह हड्डियों को मजबूत बनाता है।
प्रोटीन: यह मांसपेशियों और ऊतकों की मरम्मत करता है।
विटामिन-ए: यह एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है, जो आंखों की रोशनी और इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
दूध का सेवन कब और कितना करें
दूध का सेवन सुबह और रात के समय करना सबसे अच्छा होता है। सुबह के नाश्ते में इसे शामिल करें और रात में गुनगुना दूध पीना फायदेमंद होता है। दिन में 200-200 ग्राम दूध 2 से 3 बार लिया जा सकता है।
विशेष नुस्खे
हृदय रोग: दूध में अर्जुन चूर्ण मिलाकर गर्म करें और गुनगुना पीएं।
अल्सर या एसिडिटी: ठंडा दूध लें, जो शरीर में अम्ल को खत्म करता है।
डेंगू: दूध में काली मिर्च, दालचीनी या हल्दी पाउडर डालकर उबालें और गुनगुना पीएं।