नवरात्रि की कथा: मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए 9 दिन करें पाठ
नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा की पूजा
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है।
नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा की उपासना का महत्व अत्यधिक है। श्रीमद् देवी भागवत पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति इन 9 दिनों में विधिपूर्वक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इस दौरान मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए पुराण में वर्णित कथा का पाठ करना आवश्यक है।
व्रत की संपूर्ण कथा
बृहस्पति जी ने ब्रह्मा जी से पूछा कि नवरात्र का व्रत क्यों किया जाता है और इसके फल क्या होते हैं। ब्रह्मा जी ने उत्तर दिया कि जो व्यक्ति मां दुर्गा, महादेवी, सूर्य और नारायण की उपासना करता है, वह धन्य है। यह व्रत सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला है।
इस व्रत के माध्यम से संतान, धन, विद्या और सुख की प्राप्ति होती है। रोगी व्यक्ति का रोग दूर होता है और बंधन में पड़े व्यक्ति को मुक्ति मिलती है।
ब्रह्मा जी ने आगे बताया कि यदि कोई व्यक्ति पूरे दिन उपवास नहीं कर सकता, तो वह एक समय भोजन कर सकता है और नवरात्रि की कथा सुन सकता है।
ब्रह्मा जी ने एक अनाथ ब्राह्मण की कहानी सुनाई, जो भगवती दुर्गा का भक्त था। उसकी एक सुंदर कन्या थी, जिसका नाम सुमति था। एक दिन सुमति ने पूजा में भाग नहीं लिया, जिससे उसके पिता ने क्रोधित होकर उसका विवाह एक कुष्ठ रोगी से करने की बात कही।
सुमति ने अपने पिता के कहे अनुसार अपने भाग्य को स्वीकार किया। वह अपने पति के साथ वन में गई और वहां देवी दुर्गा ने उसे दर्शन दिए। देवी ने कहा कि वह उसे वरदान मांगने का अवसर देती हैं।
सुमति ने देवी से अपने पति के रोग को दूर करने की प्रार्थना की। देवी ने कहा कि उसके पूर्व जन्म के पुण्य के प्रभाव से उसका पति स्वस्थ हो जाएगा।
इस प्रकार देवी ने सुमति को नवरात्रि व्रत की विधि बताई, जिसमें विधिपूर्वक पूजा और हवन करना शामिल है।
ब्रह्मा जी ने कहा कि जो भी इस व्रत को श्रद्धा से करता है, उसे इस लोक में सुख और मोक्ष प्राप्त होता है।