नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को अर्पित करें प्रिय फूल
इस साल शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से शुरू हो रहा है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाएगी। हर देवी को प्रसन्न करने के लिए विशेष फूल अर्पित किए जाते हैं। जानें कौन से फूल किस देवी को अर्पित करने चाहिए और उनकी विशेषताएं। इस लेख में नवरात्रि के दौरान फूल चढ़ाने की विधि और ध्यान देने योग्य बातें भी शामिल हैं।
Sep 22, 2025, 04:37 IST
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Shardiya Navratri, नई दिल्ली: इस वर्ष शारदीय नवरात्र 22 सितंबर 2025 से आरंभ हो रहा है। इस नौ दिवसीय उत्सव में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर देवी को प्रसन्न करने के लिए विशेष फूल अर्पित किए जाते हैं। मान्यता है कि जब भक्त अपनी पसंद के फूल अर्पित करते हैं, तो देवी जल्दी प्रसन्न होती हैं और उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं कि नौ देवियों के प्रिय फूल कौन से हैं।
नौ देवियों को चढ़ाने वाले फूल
- पहला दिन मां शैलपुत्री का है। देवी को गुड़हल, सफेद कनेर या चमेली के फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है। इन फूलों से सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
- दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी का है। देवी को कमल का फूल अर्पित करना ज्ञान की प्राप्ति के लिए लाभकारी होता है।
- तीसरा दिन मां चंद्रघंटा का है। मां का प्रिय फूल कमल, बेला और चमेली है। इन फूलों से साहस और पराक्रम की प्राप्ति होती है।
- चौथा दिन मां कूष्मांडा का है। माता को गुड़हल और पीले कनेर के फूल पसंद हैं। इन फूलों से रोग और शोक दूर होते हैं।
- पांचवां दिन मां स्कंदमाता का है। देवी को कमल, गुड़हल और गुलाब का फूल प्रिय है। कमल का फूल अर्पित करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- छठा दिन मां कात्यायनी का है। देवी को गेंदा, कमल और गुड़हल का फूल अर्पित करना फलदायी माना जाता है।
- सातवां दिन मां कालरात्रि का है। देवी का प्रिय फूल रातरानी और गुड़हल है। इन फूलों से भय और दुख से मुक्ति मिलती है।
- आठवां दिन मां महागौरी का है। मां को सफेद मोगरा और बेला, चमेली के फूल प्रिय हैं। सफेद फूल अर्पित करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
- नौवां दिन मां सिद्धिदात्री का है। जगदंबा का प्रिय फूल कमल और चंपा है। इन फूलों से सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
फूल चढ़ाते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- फूल हमेशा ताजे और साफ होने चाहिए।
- बासी या मुरझाए हुए फूल न चढ़ाएं।
- फूलों को तोड़ने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- फूल चढ़ाते समय श्रद्धा और भक्ति का भाव होना चाहिए।
- यदि कोई विशेष फूल न मिले, तो गुड़हल के फूल भी अर्पित कर सकते हैं।