नौकरियों का भविष्य: क्या चार साल के कॉलेज कोर्स अब अप्रासंगिक हैं?
निखिल कामथ का विचार
Nikhil Kamath Zerodha: जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ ने हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की 'फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025' के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, "क्या चार साल के कॉलेज पाठ्यक्रम अब समाप्त हो चुके हैं?" उनका मानना है कि आजीवन सीखना अब एक नया मानक बन गया है। कामथ ने अपनी एक्स पोस्ट में कहा, "यह एक दिलचस्प सवाल है: '10 वर्षों में कौन सी नौकरियां प्रासंगिक रहेंगी?' व्यक्तिगत रूप से, मुझे लगता है कि चार वर्षीय कॉलेज पाठ्यक्रमों का समय समाप्त हो चुका है और आजीवन सीखना सभी के लिए नया आदर्श है..."
डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
डब्ल्यूईएफ की इस नई रिपोर्ट में वैश्विक नौकरी बाजार के भविष्य के रुझानों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, अगले पांच वर्षों में फ्रंटलाइन नौकरियों में सबसे अधिक वृद्धि देखने को मिलेगी। इनमें खेत मजदूर, डिलीवरी ड्राइवर, निर्माण श्रमिक, सेल्सपर्सन और खाद्य प्रसंस्करण कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा, देखभाल अर्थव्यवस्था से संबंधित नौकरियों जैसे नर्सिंग पेशेवर, सामाजिक कार्यकर्ता, परामर्शदाता और व्यक्तिगत देखभाल सहायक भी तेजी से बढ़ने की संभावना है।
बढ़ती मांग वाली नौकरियां
इन नौकरियों की बढ़ेंगी डिमांड
प्रौद्योगिकी से संबंधित क्षेत्रों में भी जबरदस्त वृद्धि देखने को मिलेगी। बिग डेटा विशेषज्ञ, फिनटेक इंजीनियर, एआई और मशीन लर्निंग विशेषज्ञ, साथ ही सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन डेवलपर जैसी भूमिकाएं सबसे तेजी से बढ़ने वाली नौकरियों में शामिल होंगी। इसके साथ ही, पर्यावरण और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े क्षेत्र, जैसे स्वायत्त और इलेक्ट्रिक वाहन विशेषज्ञ, पर्यावरण इंजीनियर और नवीकरणीय ऊर्जा इंजीनियर, भी उभरते हुए अवसर प्रदान करेंगे।
अप्रासंगिक होती नौकरियां
कौन सी नौकरियां हो रही हैं अप्रासंगिक?
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कुछ पारंपरिक नौकरियों में कमी आने की संभावना है। लिपिकीय और सचिवीय भूमिकाएं, जैसे कैशियर, टिकट क्लर्क, प्रशासनिक सहायक और कार्यकारी सचिव, सबसे अधिक प्रभावित होंगे। डाक सेवा क्लर्क, बैंक टेलर और डेटा एंट्री क्लर्क जैसी नौकरियों में भी तेजी से गिरावट की उम्मीद है।
भविष्य के लिए आवश्यक कौशल
भविष्य के लिए आवश्यक कौशल
डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट में विश्लेषणात्मक सोच को सबसे महत्वपूर्ण कौशल बताया गया है। 2025 में 10 में से 7 कंपनियां इसे अनिवार्य मान रही हैं। इसके बाद लचीलापन, चपलता, नेतृत्व और सामाजिक प्रभाव जैसे कौशल भी महत्वपूर्ण होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है,
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा का महत्व
AI और डेटा आधारित होगा आने वाला समय
"एआई और बिग डेटा सबसे तेजी से बढ़ते कौशल की सूची में सबसे ऊपर हैं, इसके बाद नेटवर्क और साइबर सुरक्षा के साथ-साथ प्रौद्योगिकी साक्षरता का स्थान है। इन प्रौद्योगिकी-संबंधित कौशलों के पूरक के रूप में, रचनात्मक सोच, लचीलापन, लचीलापन और चपलता, साथ ही जिज्ञासा और आजीवन सीखने की क्षमता भी 2025-2030 की अवधि में महत्व में वृद्धि जारी रखने की उम्मीद है। इसके विपरीत, मैनुअल निपुणता, धीरज और सटीकता कौशल की मांग में उल्लेखनीय गिरावट के साथ सामने आती है, 24% उत्तरदाताओं ने उनके महत्व में कमी की भविष्यवाणी की है।"