पंजाब में बाढ़ राहत: पशुओं के लिए चलाया गया व्यापक रेस्क्यू ऑपरेशन
पंजाब में बाढ़ का कहर
पंजाब में आई बाढ़ ने सभी पर कहर बरपाया है। न केवल इंसान, बल्कि उनके सपने और जानवर भी इस आपदा की चपेट में आए। इस अभूतपूर्व बाढ़ ने 1,400 से अधिक गांवों को प्रभावित किया और 3.5 लाख लोगों को संकट में डाल दिया। सतलुज और ब्यास नदियों ने पंजाब में तबाही मचाई, जिससे 15 लाख से अधिक जानवर भी फंस गए। उनकी कराहें डूबे हुए गांवों में सुनाई दे रही थीं। पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री एस. गुरमीत सिंह खुडियां ने बताया कि इस संकट के दौरान 481 पशु चिकित्सा टीमें सक्रिय थीं, जिनमें चार सदस्य शामिल थे: एक पशु चिकित्सा अधिकारी, एक निरीक्षक, एक फार्मासिस्ट और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी।
किसानों की कहानियाँ
पठानकोट जिले के गांव पम्मा के डेयरी किसान गुरबचन सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी 12 भैंसों को कीचड़ में फंसा देखा। उन्होंने सोचा कि सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन फिर उन्होंने नावों को आते देखा, जो न केवल इंसानों के लिए, बल्कि उनके जानवरों के लिए भी मदद लेकर आईं। ऐसी ही कई कहानियाँ हैं, जिनमें लगभग 22,534 जानवरों का इलाज किया गया और उनकी जान बचाई गई।
मुख्यमंत्री का नेतृत्व
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद संकट के दौरान सक्रियता दिखाई और स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी जीव को पीछे नहीं छोड़ा जाएगा। इस निर्देश ने बाढ़ की प्रतिक्रिया को एक व्यापक जीवन रक्षा मिशन में बदल दिया। कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने सुनिश्चित किया कि पशु कल्याण के लिए टीमें गांवों में जाएं। फाजिल्का में, उनके मंत्रालय ने इंसानी राशन के साथ-साथ 5,000 बैग पशु आहार भी वितरित किए।
संगठनों की मदद
कलगीधर ट्रस्ट जैसे संगठनों ने 125 गांवों में 5,000 से अधिक लोगों तक पहुंचकर उनके जानवरों के लिए चारा वितरित किया। मंत्री खुडियां ने बताया कि विभाग ने प्रभावित जिलों में 12,170 क्विंटल फीड और 5,090.35 क्विंटल हरा चारा वितरित किया है। पशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किया गया।
आंकड़ों की बात
आंकड़ों के अनुसार, 5,16,000 से अधिक जानवरों को बचाया गया। मान सरकार और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आधुनिक तकनीक का उपयोग किया ताकि बाढ़ में फंसे जानवरों की जरूरतें पूरी की जा सकें। ड्रोन ने छतों पर फंसे जानवरों का पता लगाया, जबकि नावों ने गांवों में पहुंचकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया।
पशु चिकित्सा टीमों की मेहनत
फाज़िल्का में 38 मेडिकल टीमों में से आम आदमी पार्टी की नेता डॉ. अमरजीत कौर ने बताया कि उन्हें एक गाय मिली जो तीन दिन फंसे रहने के बाद भी अपने नवजात बछड़े की रक्षा कर रही थी। जब उन्होंने उन्हें अपनी नाव में उठाया, तो टीम के सदस्यों की आंखों में आंसू थे, यह दर्शाता है कि वे एक महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।
बाढ़ के प्रभाव
मंत्री खुडियां ने बताया कि 14 जिलों में 504 मवेशी, भैंसें, 73 भेड़ और बकरियां और 160 सुअर मारे गए। इसके अलावा, पोल्ट्री शेड के गिरने के कारण 18,304 मुर्गी पालन पक्षी भी मर गए। लगभग 2.52 लाख जानवर और 5,88,685 पोल्ट्री पक्षी बाढ़ से प्रभावित हुए।
सरकार की दृष्टि
ग्रामीण विकास मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने राहत कार्य के तीसरे चरण में मानव राशन के साथ पशु आहार का वितरण किया, जो सरकार की उस दृष्टि को दर्शाता है जो सभी प्राणियों को परिवार मानती है। प्रभावित जिलों में तैनात 28 पशु चिकित्सा टीमें केवल जानवरों की बीमारियों का इलाज नहीं कर रही थीं, बल्कि उन किसानों के दिलों को भी ठीक कर रही थीं जिन्होंने अपनी मेहनत को बहते देखा।
पंजाब की करुणा
2025 की पंजाब बाढ़ को केवल एक प्राकृतिक आपदा के रूप में नहीं, बल्कि एक निर्णायक क्षण के रूप में याद किया जाएगा जब भगवंत मान सरकार और पंजाब के लोगों ने साबित किया कि सच्चे नेतृत्व का मतलब है हर जीव की रक्षा करना। हमारे सबसे कठिन दिनों में, पंजाब ने दिखाया कि हमारे प्रेम की कोई सीमा नहीं है। जब हम अपनी करुणा को सभी जीवों तक बढ़ाते हैं, तो हम केवल जानवरों को नहीं बचाते, बल्कि अपनी मानवता को भी सुरक्षित रखते हैं।