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पंजाब में वेरका दूध और उत्पादों की कीमतों में भारी कटौती

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने वेरका दूध और अन्य उत्पादों की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। यह कदम उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करेगा और डेयरी उत्पादों की मांग में वृद्धि करेगा। नई कीमतें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी, जिससे आम जनता को लाभ होगा। जानें नई कीमतों के बारे में और इस कदम के पीछे के उद्देश्य।
 

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का उपभोक्ता हित में बड़ा कदम

चंडीगढ़- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज आम जनता को लाभ पहुँचाने के लिए वेरका दूध और अन्य उत्पादों की कीमतों में महत्वपूर्ण कमी का ऐलान किया है।


मुख्यमंत्री ने बताया कि वेरका, जो कि पंजाब की किसान सहकारी संस्था मिल्कफेड का एक विश्वसनीय ब्रांड है, ने अपने दूध और दुग्ध उत्पादों की लोकप्रिय श्रेणी की कीमतों में कटौती करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि ये संशोधित कीमतें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। यह बदलाव भारत सरकार के जी.एस.टी. 2.0 सुधारों के अनुरूप है, जिसके तहत आवश्यक डेयरी उत्पादों पर करों में कमी की गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह कदम राज्य के सहकारी मॉडल को मजबूत करेगा और पंजाब के लोगों के लिए लाभकारी साबित होगा।


नई कीमतों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं को वेरका घी 30 से 35 रुपये प्रति लीटर/किलोग्राम सस्ता मिलेगा। इसके अलावा, टेबल बटर की कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम, अनसाल्टेड बटर की कीमत 35 रुपये प्रति किलोग्राम, प्रोसेस्ड पनीर की कीमत 20 रुपये प्रति किलोग्राम और यू.एच.टी. दूध (स्टैंडर्ड, टोंड और डबल टोंड) की कीमत 2 रुपये प्रति लीटर घटाई गई है। आइसक्रीम (गैलन, ब्रिक और टब) की कीमतों में भी 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई है और पनीर की कीमत 15 रुपये प्रति किलोग्राम कम की गई है।


मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस कीमतों में कमी से जनता को कई लाभ मिलेंगे, उत्पादों की उपलब्धता बढ़ेगी और उपभोक्ताओं की मांग व बिक्री में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इससे कर वसूली में भी इज़ाफ़ा होगा, जिससे राज्य की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और विकास, गुणवत्ता के मानकों और अनुपालन को सुनिश्चित किया जा सकेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह संशोधन महंगाई से प्रभावित उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक राहत प्रदान करेगा और संगठित डेयरी उत्पादों की मांग में वृद्धि करेगा, जिससे उपभोक्ताओं की भलाई और किसानों की खुशहाली सुनिश्चित होगी।