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पंजाब सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप पर लगाया प्रतिबंध, मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद लिया निर्णय

पंजाब सरकार ने मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के बाद इस दवा पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर दिया है कि अब कोई भी विक्रेता या चिकित्सक इस सिरप का उपयोग नहीं कर सकेगा। जांच में पाया गया कि सिरप में जहरीला रसायन मौजूद है, जो बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। यह कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
 

पंजाब में कोल्ड्रिफ सिरप पर प्रतिबंध

चंडीगढ़: मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मामले के बाद, पंजाब सरकार ने इस दवा के उपयोग और बिक्री पर सख्त कार्रवाई की है। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किए हैं।


आदेश के अनुसार, पंजाब में अब कोई भी खुदरा विक्रेता, वितरक, पंजीकृत चिकित्सक, अस्पताल या स्वास्थ्य सेवा संस्थान इस सिरप की खरीद, बिक्री या उपयोग नहीं कर सकेगा। यदि राज्य के किसी भी क्षेत्र में कोल्ड्रिफ सिरप का स्टॉक पाया जाता है, तो इसकी सूचना तुरंत खाद्य एवं औषधि प्रशासन को दी जाएगी। यह निर्णय मध्य प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा 4 अक्टूबर 2025 को जारी की गई रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है, जिसमें कोल्ड्रिफ सिरप को खराब गुणवत्ता वाली दवा बताया गया है।


खास जानकारी: विशेष रूप से बैच नंबर SR-13, जिसे श्रेसन फार्मास्युटिकल्स, कांचीपुरम (तमिलनाडु) ने तैयार किया था, जांच में दोषी पाया गया है। यह सिरप मई 2025 में निर्मित हुआ था और इसकी वैधता अप्रैल 2027 तक है। जांच में यह भी पाया गया कि इस सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की 46.28% मात्रा मौजूद है, जो एक अत्यंत जहरीला रसायन है। यह मानव शरीर में पहुंचते ही गंभीर विषाक्तता का कारण बन सकता है, विशेषकर बच्चों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है।


यह ध्यान देने योग्य है कि मध्य प्रदेश में इसी सिरप के सेवन से अब तक कम से कम 10 बच्चों की मौत हो चुकी है, जिससे देशभर में हड़कंप मच गया है। तमिलनाडु स्थित निर्माण फैक्ट्री में भी भारी अनियमितताओं और लापरवाही की पुष्टि हो चुकी है। पंजाब सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब देश के कई राज्यों में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर रोक लग चुकी है और केंद्र सरकार भी इस मामले पर नजर रखे हुए है।