पन्ना टाइगर रिजर्व में वत्सला हाथी का निधन, 100 साल की उम्र में मिली शांति
वत्सला हाथी का निधन
वत्सला हाथी: मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से एक दुखद समाचार आया है। एशिया की सबसे वृद्ध मानी जाने वाली 'वत्सला' का मंगलवार को 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।
वत्सला को पहले केरल से नरमदापुरम लाया गया था और बाद में पन्ना टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित किया गया। वहां उन्होंने वर्षों तक पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया। अपनी उम्र और अनुभव के कारण, वत्सला हाथियों के समूह की अगुवाई करती थीं। जब भी अन्य हथिनियों ने बच्चों को जन्म दिया, वत्सला ने दादी की भूमिका निभाते हुए उनकी देखभाल की। उनका शांत और स्नेही स्वभाव उन्हें सभी हाथियों और वनकर्मियों का प्रिय बना दिया था।
मुख्यमंत्री की श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा,
- वत्सला की शताब्दी लंबी संगति आज विराम ले गई। आज दोपहर पन्ना टाइगर रिजर्व में 'वत्सला' ने अंतिम सांस ली।
- वह केवल एक हथिनी नहीं थीं, बल्कि हमारे जंगलों की मौन प्रहरी, पीढ़ियों की सखी और मध्य प्रदेश की भावनाओं की प्रतीक थीं।
- उन्होंने कैम्प हाथियों के दल का नेतृत्व किया और एक दादी के रूप में बच्चों की स्नेहपूर्वक देखभाल की।
- भले ही वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमारी माटी और हृदय में सदा जीवित रहेंगी। 'वत्सला' को विनम्र श्रद्धांजलि!
बुढ़ापे में स्वास्थ्य समस्याएं
बुढ़ापे में आंखों की रोशनी खो चुकी थीं
उम्रदराज होने के कारण वत्सला की आंखों की रोशनी चली गई थी और वे अधिक दूर चलने में असमर्थ हो गई थीं। वे पन्ना के हीनौता हाथी शिविर में रहती थीं और हर दिन खैरैयां नाले पर स्नान के लिए ले जाई जाती थीं। वहीं उन्हें खिचड़ी खिलाई जाती थी।
हाल ही में उनके आगे के पैरों के नाखूनों में चोट लग गई थी, जिसके कारण वे खैरैयां नाले के पास बैठ गई थीं। वन विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें उठाने की काफी कोशिश की, लेकिन मंगलवार दोपहर उनका निधन हो गया।