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पानीपत की अनाथ बहनों की प्रेरणादायक कहानी: दादी ने बेचीं पोतियाँ, पुलिस बनी मददगार

पानीपत की अनाथ बहनों की कहानी एक दुखद लेकिन प्रेरणादायक घटना है, जिसमें दादी ने अपनी पोतियों को बेचने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस और एक महिला अधिकारी की मदद से इन बहनों ने नई जिंदगी की ओर कदम बढ़ाया। अब ये बहनें शिक्षा प्राप्त कर रही हैं और अपने जैसे अनाथ बच्चों की सहायता करने का सपना देख रही हैं। जानिए इस मार्मिक कहानी के बारे में और कैसे इनकी हिम्मत ने सब कुछ बदल दिया।
 

पानीपत की अनाथ बहनों की कहानी

पानीपत की अनाथ बहनों की कहानी: दादी ने अपनी 20 वर्षीय पोती को 5 लाख में बेचा, अधिकारी बनीं मददगार! पानीपत में एक दादी ने अपनी दो पोतियों को पैसे के लिए बेचने का प्रयास किया, जो एक दुखद और प्रेरणादायक घटना है।


इन बच्चियों का जीवन तब बदल गया जब उनकी मां अपने प्रेमी के साथ भाग गई और पिता लापता हो गए। लेकिन एक महिला अधिकारी और पुलिस की मदद से उनकी जिंदगी में नया मोड़ आया। अब ये बहनें शिक्षा प्राप्त कर रही हैं और अपने जैसे अनाथ बच्चों की सहायता करना चाहती हैं। आइए, इस मार्मिक कहानी को विस्तार से जानते हैं।


परिवार का विघटन और दादी की निर्दयता

पानीपत की यह कहानी तब शुरू हुई जब दो बहनों और उनके भाइयों के पिता लापता हो गए। उनकी मां ने अपने प्रेमी से शादी कर बच्चों को छोड़ दिया।


दादी के लिए ये बच्चे बोझ बन गए। 2017 में, दादी ने बड़ी पोती को 40 वर्षीय व्यक्ति को 5 लाख रुपये में बेचने का सौदा किया। छोटी बहन को भी केवल 500 रुपये में बेच दिया गया। छोटा भाई संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया। बड़ी बहन ने साहस दिखाते हुए अपने छोटे भाई के साथ घर से भागने का निर्णय लिया। दोनों ने दो दिन तक झाड़ियों में छिपकर बिताए। यह समय इन बच्चों के लिए अत्यंत कठिन था।


पुलिस और सरपंच की सहायता से बचाव

बड़ी बहन ने हार नहीं मानी और सरपंच की मदद से पुलिस को अपनी स्थिति बताई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और दादी को गिरफ्तार करने की योजना बनाई।


हालांकि, बड़ी बहन ने दादी की उम्र का हवाला देकर उन्हें जेल जाने से बचा लिया। दूसरी ओर, महिला संरक्षण अधिकारी रजनी गुप्ता ने छोटी बहन को पानीपत के गौसअली से बचाया। दोनों बहनों को राई बाल अनाथालय में रखा गया। इस घटना ने यह साबित किया कि सही समय पर मदद और साहस कितना बड़ा बदलाव ला सकता है। पुलिस और स्थानीय लोगों की तत्परता ने बच्चों को नया जीवन दिया।


नया जीवन और भविष्य की उम्मीद

महिला संरक्षण और बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने इन बहनों को गोद लिया। उनकी देखरेख में बड़ी बहन ने 10वीं कक्षा पास की, जबकि छोटी बहन 8वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है।


रजनी अपनी जेब से इनकी शिक्षा का खर्च उठा रही हैं। यह कहानी न केवल इन बहनों के जीवन को रोशनी देती है, बल्कि समाज को भी प्रेरणा देती है। दोनों बहनें अब अनाथ बच्चों की मदद करना चाहती हैं। उनका दर्दनाक बचपन उन्हें सिसकने पर मजबूर करता है, लेकिन उनकी हिम्मत और रजनी का समर्पण एक नई उम्मीद की किरण है।