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पाम ऑयल के स्वास्थ्य पर प्रभाव: कैंसर का खतरा

पाम ऑयल का सेवन बिस्किट, भुजिया और नमकीन जैसे खाद्य पदार्थों में आम है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव गंभीर हो सकते हैं। यह कैंसर के विकास को बढ़ावा देने वाले तत्वों से भरा होता है। इस लेख में पाम ऑयल के स्वास्थ्य पर प्रभाव, कैंसर का खतरा और इसके उत्पादन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई है। जानें कि कैसे यह तेल आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है और इसके सेवन से बचने के उपाय क्या हैं।
 

पाम ऑयल के दुष्प्रभाव

पाम ऑयल के दुष्प्रभाव: बिस्किट, भुजिया और नमकीन जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन हम रोजाना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनने वाला पाम ऑयल मौजूद हो सकता है? इस तेल का उपयोग स्वाद बढ़ाने और पकाने में किया जाता है, लेकिन जब इसे रिफाइन किया जाता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। पाम ऑयल में पाए जाने वाले फैटी एसिड कैंसर के विकास को बढ़ावा देते हैं।


कैंसर का खतरा

पाम ऑयल से कैंसर का खतरा

बिस्किट और नमकीन में ग्लाइसीडोल, एक्रिलामाइड और 3-एमसीपीडी जैसे कैंसरकारी तत्व भी पाए जाते हैं। ये तत्व उच्च तापमान पर प्रसंस्करण के दौरान उत्पन्न होते हैं और कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। पाम ऑयल का सेवन इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज का खतरा भी बढ़ता है। इस तेल में सैचुरेटेड फैट की अधिकता होती है, जो कोलन और प्रोस्टेट कैंसर के मामलों को बढ़ा सकती है।


पाम ऑयल का उत्पादन

कैसे बनता है पाम ऑयल?

पाम ऑयल पाम पेड़ों के फलों से निकाला जाता है और फिर इसे तेल के रूप में तैयार किया जाता है। यह आमतौर पर पैकेज्ड फूड और रेस्टोरेंट में उपयोग किया जाता है। इसकी सस्ती कीमत के कारण इसका व्यापक उपयोग होता है, लेकिन यह कई पोषक तत्वों की कमी के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। इस तेल में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है।