पितृ पक्ष में कौओं को भोजन कराने का महत्व और लाभ
कौआ: पितरों का दूत
कौआ श्राद्ध का महत्वपूर्ण हिस्सा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कौआ पितरों का दूत माना जाता है। जब श्राद्ध में कौवे को भोजन दिया जाता है, तो यह माना जाता है कि यह भोजन सीधे पितरों तक पहुंचता है। इसलिए, पितरों को प्रसन्न करने के लिए कौवे को भोजन कराना आवश्यक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मृतात्मा मनुष्य योनि के बाद सबसे पहले कौआ बनती है।
इसलिए, मृतक की पसंद का भोजन पहले कौवों को दिया जाता है। पितृ पक्ष के दौरान कौवे का होना पितरों के आस-पास होने का संकेत माना जाता है।
पितृ पक्ष में कौए को भोजन कराने का महत्व
पितृ पक्ष में कौए को भोजन कराना अनिवार्य है। गरुड़ पुराण के अनुसार, कौआ यम का प्रतीक है। यदि कौआ श्राद्ध का भोजन ग्रहण कर ले, तो पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है। इसके अलावा, कौए को भोजन कराने से यमराज प्रसन्न होते हैं और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि यम देवता ने कौए को यह वरदान दिया था कि यदि इसे खिलाया गया भोजन पितरों की आत्मा को शांति देगा। पितृ पक्ष के दौरान कौए को भोजन कराने से कई गुना अधिक लाभ प्राप्त होता है।
पितृ प्रसन्न होते हैं
भादो माह में कौवे के प्रसव के समय ऋषि-मुनियों ने सलाह दी है कि उनके लिए भोजन छतों पर रखा जाए ताकि उन्हें भटकना न पड़े। इसलिए, पितृ पक्ष के दौरान उन्हें भोजन कराने से दोगुना लाभ मिलता है।
शनि देव भी होते हैं प्रसन्न
वैदिक ज्योतिष में कौओं को भोजन कराना एक पवित्र अनुष्ठान माना जाता है, जो पूर्वजों का सम्मान करता है और शनि देव को प्रसन्न करता है। यह अभ्यास शनि के कठोर प्रभावों को कम करता है, विशेषकर चुनौतीपूर्ण ज्योतिषीय अवधियों के दौरान। यह पूर्वजों को शांति प्रदान करता है और कर्म असंतुलन को दूर करता है।
कौओं को भोजन कराने के ज्योतिषीय लाभ
- पितृ दोष से मुक्ति: कौवे को पितरों का प्रतीक माना जाता है। इन्हें भोजन कराने से पितरों की आत्माओं को शांति मिलती है और पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त होती है।
- शनि ग्रह को शांत करना: कौओं को भोजन कराना शनि ग्रह के कठोर प्रभावों को कम करने का एक प्रभावी उपाय है।
- कर्ज और आर्थिक बाधाओं से राहत: नियमित रूप से कौओं को अन्न या रोटी खिलाने से आर्थिक संकट दूर होते हैं।
- ग्रह दोषों का प्रभाव कम होना: कौओं को भोजन कराने से शनि और राहु जैसे ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
- सौभाग्य और सुख-शांति में वृद्धि: कौओं को खाना खिलाना एक शुभ कर्म माना गया है, जिससे घर में सुख-शांति आती है।