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पीरियड्स के दौरान बेटियों की डाइट में बदलाव कैसे करें

पीरियड्स के दौरान बेटियों की सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इस समय सही खान-पान से हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। जानें कि किस प्रकार की डाइट और फिजिकल एक्टिविटी से आपकी बेटी इस समय को बेहतर तरीके से संभाल सकती है। सही आहार में हेल्दी फैट्स, आयरन युक्त खाद्य पदार्थ और फर्मेंटेड फूड्स शामिल करने के साथ-साथ पीरियड ट्रैकिंग और खुलकर बातचीत करने के महत्व पर भी चर्चा की गई है।
 

पीरियड्स के दौरान बेटियों का ख्याल रखना

पीरियड्स के समय हर लड़की को अपनी सेहत का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है। इस दौरान ऊर्जा स्तर में कमी आती है और शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो सीधे तौर पर स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं। सही खान-पान इस समय बहुत महत्वपूर्ण है। जब किसी लड़की को पहली बार पीरियड्स आते हैं, तो उसके मन में कई सवाल होते हैं, जिनका उत्तर अक्सर मां से मिलता है। इसलिए, यह जरूरी है कि जब आपकी बेटी इस उम्र में पहुंच जाए, तो आप उसे पीरियड्स के बारे में बुनियादी जानकारी दें। यदि आपकी बेटी 8 से 14 साल की है और उसे पहली बार पीरियड्स आ रहे हैं या आने वाले हैं, तो इस समय उसकी डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सही आहार उसे शारीरिक और मानसिक बदलावों से निपटने में मदद करेगा। आइए जानते हैं कि इस दौरान उसकी डाइट में क्या शामिल करना चाहिए।


पीरियड्स के दौरान डाइट में बदलाव

- इस समय हेल्दी फैट्स जैसे घी, नारियल, बीज और भिगोए हुए नट्स को डाइट में शामिल करें। ये हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। वहीं, अनहेल्दी फैट्स मोटापे का कारण बन सकते हैं और कई बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं।




- जंक फूड और शुगर से दूर रहना बहुत जरूरी है। प्यूबर्टी के दौरान हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव होता है। यदि आप प्रोसेस्ड फूड्स या अधिक शुगर का सेवन करती हैं, तो हार्मोन्स प्रभावित नहीं होते।




- आयरन की मात्रा बढ़ाना आवश्यक है। चुकंदर, खजूर, गुड़, पालक और काली किशमिश को अपनी डाइट में शामिल करें। आयरन की कमी से पीरियड्स के दौरान दर्द और कमजोरी महसूस हो सकती है।




- इस समय दही, छाछ, कांजी और फर्मेंटेड चावल का सेवन करें, इससे हार्मोन्स का संतुलन बना रहता है।




- अपनी बेटी को पीरियड ट्रैकिंग सिखाएं। किसी एप या कैलेंडर की मदद से उसे पीरियड्स को ट्रैक करने की सलाह दें।




- हल्की-फुल्की फिजिकल एक्टिविटी जैसे योगा, वॉकिंग और डांसिंग करें। ये मूड और हार्मोन्स को बेहतर बनाते हैं।




- अपनी बेटी से पीरियड्स के बारे में खुलकर बात करें। यदि उसे कोई समस्या महसूस हो रही है, तो उसकी बात को समझने का प्रयास करें।