पेट के फ्लू से बचने के उपाय और लक्षण
स्टमक फ्लू: कारण, लक्षण और उपचार
खाने-पीने में लापरवाही बरतने से पेट से जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इनमें से एक प्रमुख समस्या है 'स्टमक फ्लू', जिसे गैस्ट्रोएन्टेराइटिस भी कहा जाता है। यह बीमारी पाचन तंत्र में गड़बड़ी, सूजन या संक्रमण के कारण होती है। हालांकि, यह बीमारी आमतौर पर जल्दी ठीक हो जाती है, लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर हो सकती है।
स्टमक फ्लू के लक्षणों में पेट में दर्द, ऐंठन, दस्त और उल्टी शामिल हैं। इस बीमारी से प्रभावित व्यक्ति को डायरिया भी हो सकता है। रोटावायरस, नोरोवायरस और एस्ट्रोवायरस जैसे वायरस अक्सर दूषित पानी या भोजन के माध्यम से फैलते हैं, जो पाचन तंत्र को कमजोर कर देते हैं। यह समस्या बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों में भी देखी जा सकती है।
बचाव के उपाय:
1. प्रतिदिन सुबह खाली पेट आंवला और एलोवेरा का जूस पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और पेट की समस्याएं दूर होती हैं।
2. स्टमक फ्लू से बचने के लिए हमेशा साफ पानी पिएं और संतुलित आहार लें।
3. संक्रमित खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
4. दिन में एक बार गुनगुने पानी में शहद मिलाकर पीना फायदेमंद होता है।
5. फलों और सब्जियों को अच्छे से धोकर ही खाएं।