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पेशाब रोकने के स्वास्थ्य पर प्रभाव: जानें क्या हो सकते हैं नुकसान

पेशाब रोकने की आदत स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। यह न केवल ब्लैडर की संवेदनशीलता को कम करता है, बल्कि यूटीआई और किडनी के नुकसान का भी कारण बन सकता है। जानें कि पेशाब रोकने से क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है। सही समय पर पेशाब करने और हाइड्रेटेड रहने के महत्व को समझें।
 

पेशाब रोकने के स्वास्थ्य पर प्रभाव

कई बार लोग काम के कारण या किसी अन्य वजह से पेशाब रोकने की आदत बना लेते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। लंबी यात्रा या ट्रैफिक जाम के दौरान, महिलाएं अक्सर बाथरूम नहीं जा पातीं, जो न केवल असुविधाजनक है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है। थोड़ी देर के लिए पेशाब रोकना सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर यह आदत बन जाए, तो यह यूरिन सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है। चिकित्सकों के अनुसार, पेशाब रोकने से ब्लैडर पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे इसकी मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। इसके अलावा, अंडरएक्टिव ब्लैडर (UAB) जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। आइए जानते हैं पेशाब रोकने के क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं।


ब्लैडर की संवेदनशीलता में कमी

पेशाब को बार-बार रोकने से ब्लैडर की क्षमता बढ़ जाती है, जिससे इसकी संवेदनशीलता कम हो जाती है। इसका अर्थ है कि ब्लैडर समय पर संकेत नहीं देता और पेशाब करने की आवश्यकता महसूस नहीं होती। लंबे समय तक पेशाब रोकने से यूरिन पास करने में कठिनाई हो सकती है और यूरिनरी सिस्टम में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।


यूटीआई का खतरा

यदि आप दिन में दो बार से कम पेशाब करती हैं, तो यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है। यूटीआई का मतलब है कि यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण होने का जोखिम तीन गुना अधिक हो जाता है। लगातार पेशाब रोकने से बैक्टीरिया का विकास होता है, जिससे यूरिन के रास्ते में संक्रमण हो सकता है।


किडनी पर दबाव और नुकसान

पेशाब रोकने से ब्लैडर पर दबाव बढ़ता है। कभी-कभी, पेशाब वापस किडनी की ओर भी जा सकता है, जिसे Vesicoureteral Reflux कहा जाता है। यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो किडनी को नुकसान हो सकता है।


पेल्विक फ्लोर की कमजोरी

लगातार पेशाब रोकने से महिलाओं की पेल्विक फ्लोर मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। ये मांसपेशियां यूरिन को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। कमजोर पेल्विक फ्लोर के कारण बार-बार पेशाब का रुकना, लीक होना या अन्य यूरिन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।


पेशाब करने का सही समय

कम से कम 3-4 घंटे में पेशाब करना चाहिए।


नियमित मात्रा में पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें।


नियमित रूप से एक्सरसाइज और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करें।


अपने शरीर के संकेतों को समझना भी आवश्यक है और समय पर पेशाब करें।