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प्रधानमंत्री मोदी का 'डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन': ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन' की शुरुआत की है, जो भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मिशन गहरे समुद्र में तेल और गैस के भंडारों की खोज पर केंद्रित है, जिससे घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री ने इसे 'समुद्र मंथन' की प्रक्रिया से जोड़ा है, जो भारत को वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में एक मजबूत खिलाड़ी बनाने में मदद करेगा।
 

प्रधानमंत्री का नया मिशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन' का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि यह मिशन देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह गहरे समुद्र में छिपे तेल और गैस के भंडारों की खोज पर केंद्रित है। पारंपरिक तेल क्षेत्रों के सूखने के कारण, कई देश समुद्र की गहराइयों में मौजूद हाइड्रोकार्बन संसाधनों की ओर देख रहे हैं, और भारत भी इस दिशा में सक्रियता से आगे बढ़ रहा है।


इस मिशन के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं: घरेलू उत्पादन में वृद्धि, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो सके। ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना, जिससे वैश्विक ऊर्जा मूल्य अस्थिरता के प्रभाव को कम किया जा सके। तेल और गैस के उत्पादन से जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से नई नौकरियों का सृजन और आर्थिक विकास को गति देना। गहरे समुद्र में अन्वेषण के लिए आवश्यक उन्नत तकनीकों का विकास करना, जो भारत की तकनीकी क्षमताओं को भी बढ़ाएगा।


प्रधानमंत्री ने 'समुद्र मंथन' की भावना का उल्लेख किया, जो इस मिशन की महत्वाकांक्षा और संभावित परिणामों को दर्शाता है। भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के एक बड़े हिस्से के लिए आयात पर निर्भर है, और 'डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन' देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह न केवल अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि भारत को वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।