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प्रयागराज में छात्र ने लड़की बनने की चाह में खुद को किया घायल

प्रयागराज में एक UPSC छात्र ने लड़की बनने की तीव्र इच्छा के चलते खुद को गंभीर रूप से घायल कर लिया। 22 वर्षीय छात्र ने यूट्यूब पर देखी गई जानकारी और एक झोलाछाप डॉक्टर की सलाह पर यह खतरनाक कदम उठाया। उसकी स्थिति गंभीर है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि वह 'जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर' से पीड़ित है। जानें इस चौंकाने वाली घटना के बारे में और क्या हुआ।
 

खौफनाक घटना का सामना

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तैयारी कर रहे एक 22 वर्षीय छात्र ने लड़की बनने की तीव्र इच्छा के चलते अपने प्राइवेट पार्ट को काट लिया। छात्र ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर और एक झोलाछाप डॉक्टर से सलाह लेकर यह खतरनाक कदम उठाया। वर्तमान में उसकी स्थिति गंभीर है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


छात्र की मानसिक स्थिति

अमेठी का निवासी यह छात्र डॉक्टरों को बताता है कि वह 14 साल की उम्र से खुद को लड़का नहीं, बल्कि लड़की के रूप में महसूस करता था। उसने कहा, "मैं लड़का नहीं, बल्कि लड़की हूं, लेकिन कोई मेरी बात नहीं सुनता था, इसलिए मैंने यह कदम उठाया।" अपने माता-पिता का इकलौता बेटा होने के कारण वह अपनी भावनाओं को साझा करने में असमर्थ था और प्रयागराज में किराए के कमरे में रहकर UPSC की तैयारी कर रहा था।


खुद को चोट पहुंचाने की प्रक्रिया

छात्र ने बताया कि उसने लड़की बनने के तरीके यूट्यूब पर खोजे और कटरा के एक झोलाछाप डॉक्टर से संपर्क किया। उसी के निर्देश पर उसने मेडिकल स्टोर से एनेस्थीसिया का इंजेक्शन और सर्जिकल ब्लेड खरीदा। अपने कमरे में, उसने खुद को इंजेक्शन लगाकर कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न किया और फिर ब्लेड से अपने प्राइवेट पार्ट को काट दिया।


आपातकालीन चिकित्सा

एनेस्थीसिया का असर खत्म होते ही छात्र दर्द से तड़पने लगा और उसके कमरे में खून फैल गया। लगभग एक घंटे तक तड़पने के बाद, उसने अपने मकान मालिक को सूचित किया, जिसके बाद उसे पहले बेली अस्पताल और फिर गंभीर स्थिति में एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया।


डॉक्टरों की राय

एसआरएन अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. संतोष सिंह के अनुसार, छात्र 'जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर' या 'जेंडर डिस्फोरिया' नामक मानसिक स्थिति से ग्रसित है। इसी कारण उसे लगता था कि वह लड़की है और उसने अपनी जान को खतरे में डाल दिया। डॉक्टर ने बताया कि यदि छात्र को समय पर अस्पताल नहीं लाया जाता, तो अत्यधिक खून बहने के कारण उसकी जान भी जा सकती थी। अब छात्र की मनोचिकित्सक से काउंसलिंग भी की जाएगी।