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प्राथमिक सहायता एवं गृह देखभाल मूल्यांकन शिविर का सफल समापन

भिवानी में आयोजित तीन दिवसीय प्राथमिक सहायता एवं गृह देखभाल मूल्यांकन शिविर का सफल समापन हुआ। इस शिविर में देशभर के फस्र्ट एड प्रवक्ताओं ने भाग लिया और अपने कौशल को निखारने के लिए विभिन्न तकनीकों पर चर्चा की। रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव प्रदीप कुमार ने प्राथमिक सहायता के महत्व पर जोर दिया, यह बताते हुए कि सही समय पर सहायता से जान बचाई जा सकती है। शिविर में स्ट्रैचर और प्राथमिक सहायता किट भी वितरित की गईं।
 

प्राथमिक सहायक प्रवक्ताओं के कौशल को और निखारता है मूल्यांकन शिविर


  • प्राथमिक सहायक प्रवक्ताओं के कौशल को और निखारता है मूल्यांकन शिविर : सचिव प्रदीप कुमार


आज समाज नेटवर्क, भिवानी:


प्राथमिक सहायता एवं गृह देखभाल मूल्यांकन शिविर: भारतीय रैडक्रॉस सोसायटी और सेंट जॉन एंबुलेंस इंडिया की हरियाणा शाखा ने श्रीमाता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के लक्ष्मी भवन धर्मशाला में तीन दिवसीय शिविर का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न जिलों से फस्र्ट एड प्रवक्ताओं ने भाग लिया।


स्ट्रैचर व चार प्राथमिक सहायता किट प्रदान

इस कार्यक्रम में भिवानी रैडक्रॉस के अध्यक्ष और उपायुक्त साहिल गुप्ता के मार्गदर्शन में, सचिव प्रदीप कुमार के नेतृत्व में जिला केंद्र से फस्र्ट एड प्रवक्ता संजय कामरा और डा. हरेंद्र सिंह पुनिया ने भाग लिया। शिविर के समापन पर, भारतीय रैडक्रॉस सोसायटी और सेंट जॉन एंबुलेंस हरियाणा के वाईस चेयरमैन अंकुश मिगलानी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और फस्र्ट एड प्रवक्ताओं को महत्वपूर्ण टिप्स दिए। उन्होंने प्रत्येक जिला सेंट जॉन शाखा को दो स्ट्रैचर और चार प्राथमिक सहायता किट प्रदान की।


प्रवक्ताओं के कौशल को और निखारना

रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव प्रदीप कुमार ने बताया कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य प्राथमिक उपचार तकनीकों और गृह देखभाल में प्रवक्ताओं के कौशल को और बेहतर बनाना था, ताकि वे अपने क्षेत्रों में प्रभावी प्रशिक्षण दे सकें। प्रतिभागियों ने विभिन्न परिदृश्यों में प्राथमिक उपचार के सिद्धांतों और व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर गहन चर्चा की, जिससे उनके ज्ञान और कौशल में वृद्धि हुई।


प्राथमिक सहायता का ज्ञान बहुत जरूरी

सचिव प्रदीप कुमार ने कहा कि आज के समय में प्राथमिक सहायता का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है। यदि किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सही समय पर उचित प्राथमिक सहायता मिलती है, तो उसकी जान बचाई जा सकती है। इससे दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मृत्यु दर को भी कम किया जा सकता है।