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प्रोस्टेट कैंसर: युवा पीढ़ी में बढ़ते खतरे के संकेत और रोकथाम के उपाय

प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो अब युवाओं में तेजी से फैल रही है। यह बीमारी अपने प्रारंभिक चरण में चुपचाप बढ़ती है, जिससे पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इस लेख में, हम प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण, इसके बढ़ने के कारण और रोकथाम के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे संतुलित आहार और नियमित जांच से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
 

प्रोस्टेट कैंसर: एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या

लाइफ स्टाइल न्यूज. प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि की कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होती है। पहले यह मुख्य रूप से वृद्ध पुरुषों में देखा जाता था, लेकिन आजकल की बदलती जीवनशैली के चलते यह 30 से 40 वर्ष के युवाओं में तेजी से फैल रहा है। यह बीमारी अपने प्रारंभिक चरण में चुपचाप बढ़ती है, जिससे इसका पता लगाना कठिन हो जाता है। यदि समय पर पहचान नहीं की गई, तो यह जानलेवा हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में 2022 में लगभग 38,000 नए मामले सामने आए, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।


युवाओं में प्रोस्टेट कैंसर का बढ़ता प्रकोप

आज की जीवनशैली, जिसमें देर रात तक जागना, फास्ट फूड का सेवन और तनावपूर्ण दिनचर्या शामिल हैं, युवाओं को तेजी से बीमार बना रही है। शारीरिक गतिविधियों की कमी से शरीर में हार्मोनल असंतुलन उत्पन्न होता है, जो कैंसर के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करता है। इसके अलावा, परिवार में इस बीमारी का इतिहास, शराब और धूम्रपान की आदतें, और प्रदूषण भी इस खतरे को बढ़ाते हैं। प्लास्टिक और केमिकल्स के संपर्क में आना भी इस बढ़ते खतरे का एक कारण माना जा रहा है।


प्रारंभिक लक्षणों की पहचान

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण प्रारंभिक अवस्था में सामान्यतः ध्यान में नहीं आते, लेकिन कुछ संकेत जैसे बार-बार पेशाब आना, विशेषकर रात में, पेशाब के दौरान जलन या खून आना, वीर्य में रक्त आना, पीठ या कूल्हों में लगातार दर्द, थकान और वजन में कमी दिखाई दे सकते हैं। ये लक्षण हमेशा कैंसर का संकेत नहीं होते, लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।


रोकथाम और सावधानियां

इस बीमारी से बचने के लिए संतुलित आहार लेना आवश्यक है, जिसमें फल, सब्जियां, फाइबर और स्वस्थ वसा शामिल हों। रेड मीट और जंक फूड से बचें। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें, जैसे योग, वॉकिंग या एक्सरसाइज। 50 वर्ष की आयु के बाद नियमित स्क्रीनिंग कराना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि परिवार में इस बीमारी का इतिहास हो। मानसिक तनाव को कम करना और अच्छी नींद लेना भी आवश्यक है, क्योंकि ये हार्मोनल संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रोस्टेट कैंसर का देर से पता चलने पर जटिल उपचार जैसे सर्जरी, रेडिएशन और हार्मोन थेरेपी की आवश्यकता होती है। इसलिए समय पर जांच और पहचान ही इस बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।