फरीदाबाद के छात्रों ने जीता राज्य स्तरीय फिल्म महोत्सव में दूसरा पुरस्कार
फिल्म महोत्सव में सफलता का नया अध्याय
(फरीदाबाद समाचार) जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के मीडिया विभाग की डॉक्यूमेंट्री 'आशा की किरण' ने राज्य स्तरीय फिल्म महोत्सव में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया है। इस पुरस्कार के साथ 5100 रुपये की राशि और सर्टिफिकेट भी दिया गया। मीडिया के छात्रों ने इस प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने इस उपलब्धि पर छात्रों और विभाग को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
युवाओं में आत्मबल का महत्व
प्रो. तोमर ने कहा कि सिनेमा का उद्देश्य समाज को प्रेरित करना होना चाहिए। वर्तमान युवा पीढ़ी में आत्मबल की कमी नहीं है, और यदि वे अपने निर्णयों और कार्यों को लोकहित और राष्ट्रहित में केंद्रित करें, तो 2047 का विकसित भारत का सपना समय से पहले साकार हो सकता है।
जेसी बोस विश्वविद्यालय के संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग के प्रमुख प्रो. पवन सिंह ने छात्रों की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 'आशा की किरण' डॉक्यूमेंट्री एक संघर्षशील महिला की सफलता की कहानी है। हेमंत शर्मा ने बताया कि यह फिल्म दिल्ली की एक रिक्शा चालक महिला के संघर्ष को दर्शाती है, जो महिला सशक्तिकरण का संदेश देती है।
पांचवीं बार मिली सफलता
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस फिल्म महोत्सव में जेसी बोस विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपनी डॉक्यूमेंट्री 'आशा की किरण' के लिए दूसरा पुरस्कार जीता। इस फिल्म के संपादक धीरेन सिंह ने बताया कि इस सफलता में विभागाध्यक्ष प्रो. पवन सिंह, वरिष्ठ प्रशिक्षक दुष्यंत त्यागी, और प्रॉडक्शन सहायक पंकज सैनी एवं अंजू सिंह का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा है। यह उनकी टीम की लगातार पांचवीं जीत है।