फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए योगासन: गोमुखासन से धनुषासन तक
फेफड़ों के स्वास्थ्य में योग का महत्व
नई दिल्ली: फेफड़े शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और इनके बिना सांस लेना संभव नहीं है। भारतीय योग पद्धति में ऐसे कई आसन हैं जो फेफड़ों को मजबूत करने के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं।
योग के लाभ
फेफड़ों को स्वस्थ रखने का सबसे प्रभावी तरीका योग है। योग न केवल तनाव को कम करता है, बल्कि फेफड़ों की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है। कई योगासनों जैसे गोमुखासन, धनुषासन, भुजंगासन, मत्स्यासन और सुखासन फेफड़ों की क्षमता को सुधारने में सहायक होते हैं।
गोमुखासन का महत्व
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, गोमुखासन एक शक्तिशाली आसन है जो फेफड़ों की क्षमता और लचीलेपन को बढ़ाता है। यह आसन बाजुओं को फैलाकर और रीढ़ को सीधा करके बेहतर श्वास और मुद्रा में मदद करता है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
गोमुखासन करने की विधि
गोमुखासन करने के लिए, सबसे पहले समतल सतह पर बैठें और पैरों को सामने फैलाएं। बाएं घुटने को मोड़कर बायां पैर दाएं कूल्हे के पास लाएं। इसी तरह, दाएं घुटने को मोड़कर दायां पैर बाएं कूल्हे के पास रखें। फिर, बाएं हाथ को कंधे के ऊपर ले जाकर हथेली को कंधों के बीच टिकाएं। दाएं हाथ को पीठ के पीछे से ऊपर लाएं और हथेली को ऊपर की ओर रखें। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाएं और सामान्य श्वास के साथ कुछ देर इस स्थिति में रहें। फिर पैरों और हाथों की स्थिति बदलकर प्रक्रिया को दोहराएं।
गोमुखासन के अन्य लाभ
गोमुखासन फेफड़ों को मजबूत करने के साथ-साथ रीढ़ की लचीलापन बढ़ाता है, कंधों और छाती को खोलता है, जिससे श्वसन प्रक्रिया में सुधार होता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद करता है। नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र मजबूत होता है और पीठ दर्द में राहत मिलती है।
अन्य फायदेमंद आसन
धनुषासन एक प्रभावी योगासन है जो रीढ़ की लचीलापन बढ़ाता है और फेफड़ों की क्षमता में सुधार करता है। इसमें पेट के बल लेटकर पैरों को मोड़ते हुए हाथों से पकड़ा जाता है, जिससे धनुष जैसी आकृति बनती है। यह पाचन और तनाव कम करने में सहायक है।
भुजंगासन, जिसे कोबरा पोज भी कहा जाता है, फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और श्वसन प्रक्रिया को बेहतर करता है। नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
मत्स्यासन, जिसे फिश पोज भी कहा जाता है, रीढ़ के लचीलेपन और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है। यह आसन छाती को खोलता है और तनाव कम करने में सहायक है।
सुखासन, जिसे आसान पोज भी कहा जाता है, एक साधारण योगासन है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। यह तनाव कम करने और शांति प्रदान करने में प्रभावी है।