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फोक फिटनेस: लोक नृत्य के माध्यम से स्वास्थ्य को बढ़ावा

पुणे में 'फोक फिटनेस' नामक एक अनोखा वर्कआउट कार्यक्रम शुरू किया गया है, जो लोक नृत्य के माध्यम से लोगों को फिट रखने पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम में किसान, मछुआरे और अन्य मेहनती लोग शामिल हैं, जो पारंपरिक नृत्य के जरिए अपनी फिटनेस बनाए रखते हैं। वर्कआउट में मेडिटेशन, वॉर्मअप, अपर बॉडी वर्कआउट, कार्डियो और स्ट्रेचिंग शामिल हैं। जानें इस वर्कआउट के लाभ और इसकी संरचना के बारे में।
 

फोक फिटनेस का परिचय

हेल्थ कार्नर: पुणे के अश्विन पांडेय, मनोज उप्रेती और आरती पांडेय ने एक अनोखे वर्कआउट का निर्माण किया है, जिसे 'फोक फिटनेस' कहा जाता है। यह कार्यक्रम लोक नृत्य के माध्यम से लोगों को फिट रखने पर केंद्रित है। इसमें किसान, चक्की पीसने वाली महिलाएं और मछुआरे जैसे मेहनती लोग शामिल हैं, जो अपने पारंपरिक नृत्य के जरिए अपनी फिटनेस बनाए रखते हैं। इस वर्कआउट में माइंड, बॉडी और सोल पर ध्यान दिया जाता है। आइए जानते हैं इस एक घंटे के वर्कआउट सेशन के बारे में।


वर्कआउट सेशन की संरचना


हर सेशन के अंत में दो मिनट का वाटर ब्रेक होता है, जिसमें केवल एक घूंट पानी पीने की सलाह दी जाती है, ताकि पेट में मरोड़ न हो। यह शरीर में पानी की कमी को भी रोकता है।


इस वर्कआउट की खासियत यह है कि हर महीने लोक नृत्यों को बदला जाता है, जिससे मसल्स को आराम मिल सके।


वर्कआउट के चरण

१. मेडिटेशन: फोक फिटनेस की शुरुआत में प्रतिभागियों को ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा जाता है, ताकि वे एक घंटे तक केवल वर्कआउट पर ध्यान दें। इसके बाद माइंड और सोल की शांति के लिए मेडिटेशन कराया जाता है।


२. वॉर्मअप: वर्कआउट से पहले वॉर्मअप किया जाता है, जो सभी के लिए आवश्यक है।


३. अपर बॉडी वर्कआउट: इसमें शोल्डर, चेस्ट, बैक, बाइसेप्स और ट्राइसेप्स के लिए बिहू, कोली, गरबा और राजस्थानी नृत्य शामिल होते हैं। ये नृत्य हाथों और कंधों का उपयोग करते हैं, जिससे शोल्डर की एक्सरसाइज होती है।



४. कार्डियो वर्कआउट: चौथे सेशन में हाई इंटेंसिटी कार्डियो वर्कआउट किया जाता है, जो वजन घटाने के लिए सबसे प्रभावी है। इस दौरान फोक सॉन्ग का उपयोग किया जाता है।


५. स्ट्रेचिंग और वॉइस ओवर: सभी वर्कआउट सेशन के बाद शवासन के माध्यम से बॉडी स्ट्रेचिंग की जाती है, जिससे माइंड, बॉडी और सोल को रिलेक्स किया जाता है।