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बच्चों के कान और नाक में तेल डालना: जानें इसके खतरनाक प्रभाव

बच्चों के कान और नाक में सरसों का तेल डालने की प्रथा कई माता-पिता द्वारा अपनाई जाती है, लेकिन यह बेहद खतरनाक हो सकती है। विशेषज्ञ डॉक्टर रवी मलिक के अनुसार, यह तेल नाक में रुकावट और संक्रमण का कारण बन सकता है, जो बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है। जानें कि आपको क्या करना चाहिए और किन उपायों से बच्चों की सेहत को सुरक्षित रखा जा सकता है।
 

बच्चों की सेहत के लिए तेल डालने के खतरे

बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल टिप्स: कई माता-पिता अपने बच्चों के कान और नाक में सरसों का तेल डालते हैं। यह प्रथा सदियों से चली आ रही है, और इसके चलते अन्य लोग भी इसे अपनाने लगे हैं। माता-पिता इस तेल का उपयोग अपने बच्चों के कान में जमी गंदगी को निकालने के लिए करते हैं ताकि वह आसानी से बाहर निकल सके।


हालांकि, कई बार छोटे बच्चों की नाक बंद हो जाती है, जिससे वे परेशान और चिड़चिड़े हो जाते हैं और सांस लेने में कठिनाई महसूस करते हैं। इसी कारण से माता-पिता उनकी नाक में सरसों का तेल डालते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह तेल बच्चों के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? आइए, डॉक्टर रवी मलिक से जानते हैं कि ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए।


कान और नाक में तेल डालने के नुकसान

डॉक्टर रवी मलिक के अनुसार, कई माता-पिता अपने बच्चों के कान और नाक में तेल डालते हैं।
लेकिन अब से ऐसा करना बंद कर दें, क्योंकि यह बच्चों के लिए अत्यंत खतरनाक है।


डॉक्टर का कहना है कि सरसों का तेल बहुत गाढ़ा होता है, जो नाक में रुकावट पैदा कर सकता है। इससे संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। यदि यह तेल नाक से होते हुए फेफड़ों में चला गया, तो यह निमोनिया का कारण बन सकता है, जो बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है।



क्या करें? डॉक्टर के अनुसार, बच्चों के कान में कुछ भी डालने से बचें। यदि कान में गंदगी है, तो डॉक्टर से सलाह लें। यदि नाक बंद है, तो सामान्य सलाइन ड्रॉप्स का उपयोग करें, जो एक सुरक्षित विकल्प है।