बच्चों में मोबाइल की लत: 83% बच्चे खाने के समय फोन देखते हैं, जानें इसके खतरे
बच्चों में मोबाइल की लत
मोबाइल फोन आज की पीढ़ी के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, न्यूक्लियर परिवारों में 94.59% बच्चे गर्दन के दर्द और 86.49% आंखों के दर्द से परेशान हैं।
विभक्त परिवारों में, 86.49% बच्चे बिना मोबाइल के नाश्ता या खाना नहीं खाते। संयुक्त परिवारों में भी यह समस्या कम नहीं है, जहां यह आंकड़ा 59.18% है। अभिभावक इस बात की पुष्टि करते हैं कि 91.11% लड़कियों का व्यवहार अधिक आक्रामक हो रहा है।
91% बच्चे वीडियो देखने से आक्रामक हुए
गुजरात की 'चिल्ड्रन रिसर्च यूनिवर्सिटी' द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 66.28% बच्चे मोबाइल पर वीडियो देखने में इतने तल्लीन हो जाते हैं कि वे अपने आसपास के माहौल से अनजान रहते हैं।
डॉक्टर टी.एस. जोशी, चिल्ड्रन रिसर्च यूनिवर्सिटी के वीसी, ने बताया कि अभिभावकों के साथ सक्रिय संवाद हर समस्या का समाधान कर सकता है। यह अध्ययन 'ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स' के अवसर पर प्रस्तुत किया गया।
78% बच्चे सामाजिकता से दूर
2012 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1 जून को 'ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स' के रूप में मनाने की घोषणा की। यूनिवर्सिटी हर महीने दो बार 'पेरेटिंग टॉक' कार्यक्रम आयोजित करती है, जिसमें अभिभावक विशेषज्ञों से अपनी चिंताओं का समाधान पाते हैं।
सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्ष
83.72% बच्चों को खाने के समय मोबाइल देखने की आदत लग चुकी है।
94.59% न्यूक्लियर परिवारों के बच्चों को गर्दन में दर्द और 86.49% को आंखों में दर्द की समस्या है।
91.89% अभिभावकों ने माना कि वीडियो देखने से बच्चे अधिक आक्रामक हो गए हैं। 78.38% ने कहा कि बच्चों के सामाजिक व्यवहार में कमी आई है।
91.11% अभिभावकों ने पुष्टि की कि मोबाइल के कारण लड़कियों का व्यवहार आक्रामक हो रहा है।