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बथुआ के स्वास्थ्य लाभ: अनियमित माहवारी से लेकर बवासीर तक

बथुआ, एक औषधीय सब्जी, कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। यह ब्रेस्ट कैंसर, अनियमित माहवारी, एनीमिया और बवासीर जैसी समस्याओं में मददगार साबित होती है। जानें कैसे बथुआ का सेवन आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।
 

बथुआ: एक औषधीय सब्जी

बथुआ, जो सब्जियों और रायते में उपयोग किया जाता है, कई औषधीय गुणों से समृद्ध है। इसमें शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं।


ब्रेस्ट कैंसर से सुरक्षा

ब्रेस्ट कैंसर : आयुर्वेद के अनुसार, बथुआ का नियमित सेवन ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। इसमें मौजूद सेलेनियम और ओमेगा-3 तथा 6 फैटी एसिड कैंसर से सुरक्षा प्रदान करते हैं।


जोड़ों के दर्द में राहत

जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए, 10 ग्राम बथुआ के बीजों को 200 मिलीलीटर पानी में उबालें। जब पानी 50 मिलीलीटर रह जाए, तो इसे गर्मागर्म पिएं। ऐसा एक महीने तक सुबह और शाम करने से लाभ होता है। इसके ताजे पत्तों को पीसकर गर्म करके दर्द वाले स्थान पर बांधने से भी आराम मिलता है।


एनीमिया का उपचार

एनीमिया : बथुआ में आयरन और फोलिक एसिड की भरपूर मात्रा होती है। इसे सब्जी के रूप में खाने या 15-20 मिलीलीटर रस सुबह-शाम लेने से खून की कमी की समस्या में सुधार होता है।


पीलिया और बवासीर में लाभ

पीलिया : बथुआ का 15 मिलीलीटर रस 30 मिलीलीटर गिलोय रस के साथ लेने से पीलिया में राहत मिलती है।


बवासीर : बथुआ के पंचांग को सुखाकर चूर्ण बना लें। 10 ग्राम चूर्ण को 15 दिनों तक सुबह-शाम बकरी के दूध के साथ लेने से समस्या में सुधार होता है।


अनियमित माहवारी और पथरी

अनियमित माहवारी : 10 ग्राम बीज को 200 मिली पानी में उबालें। जब 50 मिली पानी बच जाए, तो इसे छानकर 2 ग्राम सौंठ मिलाकर गर्मागर्म पिएं। इससे अनियमित माहवारी और दर्द में राहत मिलती है।


पथरी : बथुआ में क्षार होता है। इसके रस का सेवन 20 दिनों तक करने से पथरी टूटकर यूरिन के जरिए बाहर निकल जाती है।