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बथुआ: स्वास्थ्य के लिए लाभकारी औषधि

बथुआ, एक औषधीय पौधा, आयुर्वेद में अपने पोषक तत्वों के लिए प्रसिद्ध है। यह कैंसर की कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में मदद करता है और पथरी जैसी समस्याओं में राहत प्रदान करता है। इसके बीजों और पत्तों का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है। जानें इसके अन्य लाभ और पोषक तत्वों के बारे में।
 

बथुआ के स्वास्थ्य लाभ

स्वास्थ्य कार्नर: आयुर्वेद में बथुआ को पोषक तत्वों के आधार पर सभी के लिए फायदेमंद माना गया है। अथर्ववेद में इसे बवासीर और पेट के कीड़ों के इलाज में सहायक बताया गया है। इसके साथ ही, इसमें कई औषधीय गुण भी मौजूद हैं। आइए जानते हैं इसके लाभों के बारे में।



कैंसर से सुरक्षा:
बथुआ की पत्तियों का रस एंटी-ब्रेस्ट कैंसर में बायो एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में मदद करता है।


पथरी में राहत:
जोड़ों के दर्द में इसके बीजों का काढ़ा पीने से राहत मिलती है। पथरी की समस्या में इसके पत्तों को उबालकर पीना फायदेमंद होता है। इसके अलावा, पेट के रोगों और यूरिक एसिड बढ़ने पर बथुआ का साग उपयोगी रहता है। पीलिया में बथुआ का रस गिलोय के रस के साथ मिलाकर पीने से स्थिति में सुधार होता है। महिलाओं में अनियमित माहवारी या दर्द के लिए इसके बीजों का काढ़ा सोंठ के साथ पीना लाभकारी है।



पेट के कीड़ों से छुटकारा:
आयरन की कमी, पेट में कीड़ों और रक्त साफ करने के लिए बथुआ के पत्तों का रस नीम की पत्तियों के रस के साथ मिलाकर पीना चाहिए। श्वेत प्रदर में इसके रस में पानी और मिश्री मिलाकर पीना फायदेमंद है। यौन दुर्बलता के लिए इसके बीजों का चूर्ण दूध के साथ लेना चाहिए।


पोषक तत्व:
बथुआ की सब्जी, रायता और परांठा बनाकर खाया जा सकता है। भारत में इसकी 21 किस्में पाई जाती हैं, जिनमें फाइबर, विटामिन-ए, बी1, बी6, बी12, सी, के, फॉलिक एसिड, जिंक, कॉपर, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व शामिल हैं।