बरसात में पशुओं की देखभाल के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश
पशुपालन दिशा-निर्देश: बरसात में पशुओं की देखभाल
बरसात में पशुओं की देखभाल: बारिश के मौसम में पशुओं की देखभाल पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। इस समय नमी और गंदगी के कारण पशुओं में संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए, बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने किसानों और पशुपालकों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इन दिशा-निर्देशों में साफ-सफाई, टीकाकरण, कीटनाशक का छिड़काव और पानी की निकासी जैसे उपायों पर जोर दिया गया है। विभाग ने एक पत्र में बताया कि यदि इन बातों का पालन किया जाए तो पशुओं को बरसात में होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकता है।
क्या करें: पशुओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय
- पशुशाला की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। मल-मूत्र और मलबा नियमित रूप से साफ करें ताकि बैक्टीरिया न पनपें।
- पशुओं को ताजा पानी बाल्टी से पिलाएं और पानी की निकासी की व्यवस्था रखें।
- कीटनाशक का छिड़काव करें ताकि मक्खी-मच्छर से होने वाली बीमारियों से बचाव हो सके।
- बरसात से पहले पशुओं का टीकाकरण अवश्य करवा लें ताकि संक्रामक रोगों से सुरक्षा बनी रहे।
- मृत पशुओं को तालाब या नदी में न फेंकें, उन्हें सुरक्षित स्थान पर दफनाएं।
क्या न करें: बरसात में पशुपालकों को किन बातों से बचना चाहिए
- पशुधन को आवश्यकता से अधिक एकत्रित न करें, इससे संक्रमण फैल सकता है।
- बारिश के दौरान पशुओं को बाहर न निकालें, खासकर कीचड़ या जलभराव वाले इलाकों में।
- तालाबों और जलाशयों में पशुओं को न ले जाएं, इससे डूबने या संक्रमण का खतरा रहता है।
- बिजली के खंभे या विद्युत उपकरणों के पास पशुओं को न बांधें, यह जानलेवा हो सकता है।
- जलाशयों या चारागाहों में पशुओं को दफनाने से बचें, इससे जल स्रोत प्रदूषित हो सकते हैं।
बिहार पशुपालन विभाग की पहल
बिहार पशुपालन विभाग की यह पहल किसानों को जागरूक करने और उनके पशुधन को सुरक्षित रखने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। यदि किसान इन सुझावों को अपनाते हैं, तो न केवल पशु स्वास्थ्य में सुधार होगा बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि संभव है।