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बांदा में स्वास्थ्य सेवा की विफलता: मरीज को एंबुलेंस न मिलने पर बाइक से 60 किमी यात्रा

बांदा में स्वास्थ्य सेवाओं की विफलता का एक मामला सामने आया है, जहां एक मरीज को एंबुलेंस नहीं मिली। मजबूरन परिजनों ने 60 किलोमीटर की दूरी बाइक पर तय की। यह घटना सरकार के दावों की सच्चाई को उजागर करती है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति के बारे में।
 

स्वास्थ्य व्यवस्था की असलियत


बांदा। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए लगातार दावे करते हैं, लेकिन वास्तविकता इन दावों के विपरीत है। बांदा जिले में एक मरीज को एंबुलेंस नहीं मिली, जिसके चलते उसके परिजनों को 60 किलोमीटर की दूरी बाइक पर तय करनी पड़ी। यह घटना न केवल सरकार के दावों की सच्चाई को उजागर करती है, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर स्थिति को भी दर्शाती है। इस पर सवाल उठता है कि मंत्री ब्रजेश पाठक कब अपने 'बीमार' सिस्टम का समाधान करेंगे?


यह घटना मरका थाना क्षेत्र के मऊ गांव की है। यहां के निवासी देवराज (58) की अचानक तबीयत बिगड़ गई। परिवार ने एंबुलेंस के लिए सरकारी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया, लेकिन कई बार फोन नहीं लगा। जब फोन लगा भी, तो पूरी बात नहीं हो पाई। अंततः परिजनों ने उन्हें बाइक में जुड़ी ट्रॉली में लिटाकर अस्पताल पहुंचाने का निर्णय लिया।


सौभाग्य से, मरीज की जान बच गई और उनका इलाज जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में जारी है। परिजनों का कहना है कि सरकार द्वारा जारी 108 और 102 हेलpline नंबर पर संपर्क नहीं हो पाता, जिससे क्षेत्र के लोगों को कोई मदद नहीं मिलती। इस मामले के सामने आने के बाद, बांदा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि नेटवर्क की समस्या और खराब मौसम के कारण दिक्कतें आ रही हैं। मामले की जांच की जाएगी।